Kashmir: कांस्टेबल अजय धर के परिजनों को पुलिस के बताए घटनाक्रम पर यकीन नहीं, कहा- हत्या हुई है
डाक्टरों ने भी उसकी मौत को संदिग्ध बताया है। अजय की मौत के बारे में उसके परिवार को अंधेरे में रखा गया। परिवार को बताया गया कि शव वीरवार सुबह उसके घर नगरोटा जगटी में लाया जाएगा लेकिन बुधवार रात को ही शव को अंधेरे में घर पर लाया गया।
जम्मू, जागरण संवाददाता : कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में हंदवाड़ा इलाके में स्थित एक मंदिर में साथी पुलिस कर्मी की गोली से मारे गए फालोवर अजय धर के परिवारवालों ने उसकी योजनाबद्ध तरीके से हत्या किए जाने का आरोप लगाया है।
अजय के करीबी रिश्तेदार सुनील धर का कहना है कि अजय की मौत हादसा नहीं है। यह सोची समझी साजिश का हिस्सा है। इस मामले में निष्पक्ष जांच करने की जरूरत है। पुलिस अधिकारियों ने बिना जांच ही अजय पर गोली चलाने वालों को क्लीन चिट दे दी। उसके शरीर पर जिस प्रकार से चोट के निशान है उससे साफ होता है कि उसकी हत्या की गई है।
आपको बता दें कि बीते मंगलवार रात दस बजे अजय अपनी ड्यूटी पूरी कर कमरे में आ गया था। उसे किसी ने फोन कर फिर से मंदिर में बुलाया गया था? यह जांच का विषय है। अजय का मोबाइल फोन और पहचान पत्र उसकी हत्या के बाद से ही गायब है। जिस किसी ने भी अजय पर गोली चलाई है परिवार को बताया जाए की उसके साथ क्या हुआ है। क्या उसे छोड़ दिया गया है। अजय के मोबाइल फोन की काल डिटेल की जांच होनी चाहिए।
बताया जा रहा है कि कुपवाड़ा अस्पताल में डाक्टरों ने भी उसकी मौत को संदिग्ध बताया है। अजय की मौत के बारे में उसके परिवार को अंधेरे में रखा गया। परिवार को बताया गया कि शव वीरवार सुबह उसके घर नगरोटा, जगटी में लाया जाएगा लेकिन बुधवार रात को ही शव को अंधेरे में घर पर लाया गया। उन्हें लगा कि अजय की हत्या का विरोध करने कोई आएगा लेकिन पूरा कश्मीर समाज इस प्रकार के साथ खड़ा है।
परिवार को न्याय दिलवाने के लिए निष्पक्ष जांच जरूरी है। अजय का मोबाइल फोन खोजा जाए और उसकी काॅल डिटेल को भी खंगाला जाए। बता दे की अजय धर अपनी माता और बहन के साथ नगरोटा के जगटी में कश्मीरी विस्थापितों के लिए बनाएं गए क्वार्टर में रहता था।अजय का नगरोटा में अंतिम संस्कार किया गया। जिसमें सैंकड़ों लोगों ने भाग लिया।
दो वर्ष में ही फालोवर से कांस्टेबल बन गया था अजय धर: वर्ष 2019 में अजय धर जम्मू कश्मीर पुलिस में बतौर फालोवर भर्ती हुआ था। दाे वर्ष के भीतर ही विभागीय परीक्षा को पास कर वह कांस्टेबल बन गया था। अजय के कांस्टेबल बनने का आदेश तो आ गया था लेकिन उसे जल्द ही कांस्टेबल पद के रैंक लगने थे। बीते रविवार को ही जम्मू से अजय अपने परिवार से मिलकर कश्मीर में वापस ड्यूटी पर लौटा था। करीब दस माह पूर्व उसके पिता कृष्ण लाल धर का भी देहांत हुआ था। वह दूरसंचार विभाग से सेवानिवृत्त हुए थे। पिता की मौत के बाद अजय ही अपनी माता सरोजनी धर के बुढ़ापे का अकेला सहारा था। अजय की बहन भी उसके साथ ही रहती थी। वह अपनी बहन की शादी को लेकर भी चिंतित रहता था।
हंदवाडा के डीएसपी हैड क्वार्टर का लोगों ने घेरा वाहन : बीते बुधवार देर रात को अजय धर का शव लेकर नगरोटा के जगटी पहुंचे डीएसपी डीएआर हंदवाडा को लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा। लोगों ने डीएसपी डीएआर की जिप्सी को घेर लिया और अजय की मौत की निष्पक्ष जांच करने की मांग कर रहे थे। कुछ ही देर में वहां सैंकड़ों लोग वहां एकत्रित हो गए। लोगों ने वहां अजय धर अमर रहे, जम्मू कश्मीर पुलिस हाय हाय के नारे लगाने शुरू कर दिए। एसपी रूरल संजय शर्मा और डीएसपी नगरोटा परोपकार सिंह मौके पर पहुंचे और लोगों को समझा बुझा कर शांत किया।