कचरे से आजादी: फेथ ट्रस्ट ने जगाई कचरे से मुक्ति की अलख, घरों से कचरा जमा कर बनाई जा रही खाद

ट्रस्ट की प्रधान समीना जफर का कहना है कि करीब 500 घरों से कचरा जमा कर इससे स्वयं खाद बना रहे हैं। शहर के बाहरी क्षेत्र बेलीचराना में खाद बनाने की एक मशीन भी लगा दी है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Wed, 12 Aug 2020 01:42 PM (IST) Updated:Wed, 12 Aug 2020 01:45 PM (IST)
कचरे से आजादी: फेथ ट्रस्ट ने जगाई कचरे से मुक्ति की अलख, घरों से कचरा जमा कर बनाई जा रही खाद
कचरे से आजादी: फेथ ट्रस्ट ने जगाई कचरे से मुक्ति की अलख, घरों से कचरा जमा कर बनाई जा रही खाद

जम्मू, अंचल सिंह: जिंदगी के रंगों को धूमिल करते कचरे का सदुपयोग कर फेथ चेरिटेबल ट्रस्ट ने मंदिरों के शहर में स्वच्छता की अलख जगाई है। ट्रस्ट लोगों के घरों से कचरा जमा कर इससे खाद बना रहा है। यहीं बस नहीं कचरे से घर में हरियाली लाने के लिए भी लोगों को जागरुक कर रहा है।

शहर के जानीपुर, लक्कड़ मंडी क्षेत्र में करीब पांच सौ घरों से ट्रस्ट के स्वयं सेवी कचरा जमा कर रहे हैं। इससे क्षेत्र में लोगों को कचरे से निजात मिली है। इतना ही नहीं ट्रस्ट ने लोगों को घरों से निकलने वाले कचरे से घर में ही खाद बनाना भी सिखा दिया है। बहुत से लोग खुद ही घरों से निकलने वाले कचरे से खाद बनाकर घर में ही पेड़-पौधे उगाकर हरियाली लाते हुए पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे रहे हैं। संस्था इस कचरे को हर घर से उठाने की एवज में मात्र सौ रुपये प्रति माह लेती है। ट्रस्ट में बहुत से ऐसे लोग जुड़े हैं जो अनुभवी है।

2017 से सक्रिय है ट्रस्ट: वर्ष 2017 में फेथ चेरिटेबल ट्रस्ट ने काम करना शुरू किया था। जानीपुर के लक्कड़ मंडी क्षेत्र में दो घरों से कचरा जमा कर इससे खाद बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई। धीरे-धीरे लोग जागरुक हुआ। दो लोगों के साथ आगे बढ़ते हुए ट्रस्ट में इस समय 20 के करीब अनुभवी व जागरुक लोग जुड़े हुए हैं। ट्रस्ट ने शहर के जानीपुर, इंदिरा कालोनी, लक्कड़ मंडी, स्वर्ण विहार के अलावा आईआईटी नगरोटा में कचरा जमा कर इससे खाद बनाने का काम किया है। वर्ष 2018 में निकाय चुनाव होने के बाद कॉरपोरेटर चुनकर आए और निगम की सक्रियता बढ़ी। इससे पहले संस्था जगह-जगह काम कर अपनी योग्यता साबित कर चुकी है।

लोग जुड़ते गए काफिला बनता गया: ट्रस्ट की प्रधान समीना जफर का कहना है कि हमने एक शुरूआत की थी कि कम से कम अपनी गली को साफ किया जाए। धीरे-धीरे लोग जुड़ते गए। नए-नए अनुभव मिले। अब हम करीब 500 घरों से कचरा जमा कर इससे स्वयं खाद बना रहे हैं। शहर के बाहरी क्षेत्र बेलीचराना में खाद बनाने की एक मशीन भी लगा दी है। इससे खाद बनाकर ट्रस्ट का चलाने में आने वाले खर्च को भी पूरा किया जा रहा है। कुछ लाभ भी हो रहा है। हमें खुशी है कि ट्रस्ट शहर के बहुत से लोगों को जागरुक कर पाया। आगे भी ऐसे ही प्रयास जारी रखे जाएंगे।

ऐसे बना सकते हैं खाद: ट्रस्ट लोगों को किचन से निकलने वाले कचरे से घर में खाद बनाने के लिए जागरुक करता है। इसके लिए सबसे पहले एक टोकरी लें। इस पर गोबर का लेप लगाएं। फिर इसमें मिट्टी और थोड़ा गोबर का मिश्रित कर डालें। इसके बाद रोजाना किचन से निकलने वाले कचरे जैसे चायपत्ती, सब्जियां, चावल बगैरा को इस टोकरी में डालते रहें। जब टोकरी भर जाए तो इस पर फिर मिट्टी डाल दें। इसके ऊपर अाप मिर्ची, नीबू आदि के पौधा लगा दें। फिर दूसरी टोकरी लगा लें। ऐसे ही प्रक्रिया आगे बढ़ती रहेगी। पौधे भी उग आएंगे और खाद भी तैयार हो जाएगी। इस खाद को गमलों, पार्क में इस्तेमाल कर सकते हैं। 

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