गांवों में बिजली व्यवस्था दुरुस्त करने की उठाई मांग
संवाद सहयोगी बिश्नाह क्षेत्र में बिजली की दिक्कत को लेकर जनप्रतिनिधियों ने शनिवार को बिजली विभ
संवाद सहयोगी, बिश्नाह : क्षेत्र में बिजली की दिक्कत को लेकर जनप्रतिनिधियों ने शनिवार को बिजली विभाग के अधिकारियों से मिलकर समाधान की मांग की। अधिकारियों को बताया गया कि बिजली के तार पुराने होने के कारण टूट कर गिर रहे हैं। पर्याप्त बिजली नहीं मिल रही है, जिससे खरीफ की फसल प्रभावित होने की आशंका है।
भाजपा कार्यकारिणी सदस्य नारायण दत्त शर्मा व जिला विकास परिषद सदस्य धर्मेंद्र कुमार ग्रामीणों के साथ बिश्नाह के बिजली विभाग कार्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने बिजली विभाग के अधिकारी केवल कृष्ण के साथ बैठक कर ग्रामीणों की परेशानी बताई। पंचों, सरपंचों ने बताया कि गांवों में बिजली के तार पुराने हो चुके है। तारों को बदलने की जरूरत है। गर्मी में लोड बढ़ने से तार टूट कर जमीन पर गिर जाते हैं। इससे कभी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है। बिजली के ट्रांसफर को अपग्रेड करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि धान की फसल लगाने की तैयारी चल रही है। बिजली की कम वोल्टेज होने की वजह से पंपसेट नहीं चल पा रहे हैं। बिजली का बार-बार कट लगने से धान की पनीरी व चारा सूखने लगा है। बिजली विभाग के अधिकारी ने आश्वासन दिया कि समस्या को जल्द हल किया जाएगा। इस मौके पर पूर्व सरपंच सुरजीत सिंह, भाजपा किसान मोर्चा के मंडल प्रधान कमल चौधरी, पंच शशि शर्मा, विजय शर्मा सहित कई लोग मौजूद थे। बिजली-पानी को तरस रहे लोग : भल्ला
जागरण संवाददाता, जम्मू : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री रमण भल्ला ने शनिवार को गांधी नगर विधानसभा क्षेत्र में लोगों की समस्याएं सुनीं। इस दौरान उन्होंने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में प्राकृतिक जलस्त्रोतों की कोई कमी नहीं है, फिर भी राज्य की जनता बिजली और पानी के लिए तरस रही है। आलम यह है कि जम्मू संभाग के लोग अघोषित बिजली कटौती से जूझ रहे हैं और उप राज्यपाल प्रशासन गहरी नींद में सोया हुआ है। भल्ला ने कहा कि सरकार जम्मू और कश्मीर को मिलने वाली बिजली के बारे में बताना नहीं चाहती। जम्मू शहर में बिजली और पानी की किल्लत बहुत ज्यादा बढ़ गई है। भल्ला ने कहा कि जम्मू के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली और पानी की समस्या बद से बदतर होती जा रही है। हालत यह है कि जम्मू के साथ लगते पाडल गांव के लोग पेयजल किल्लत की वजह से गांव से पलायन करने लगे हैं। सरकार को जल्द से जल्द समस्या का समाधान करना चाहिए।