Neta jee Birth Anniversary : जम्मू के बुजुर्ग वेद गंडोत्रा नई पीढ़ी को सुनाते हैं नेताजी की गाथा

वेद गंडोत्रा आजाद हिंद फौज के बारे में बताते हुए उसमें ही खो जाते हैं। उन्होंने नई पीढ़ी को स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों के संघर्षों के बारे में जागरूक करने को अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया है। नेता जी सुभाष चंद्र बोस उनकी यादों में आज भी बसे हैं।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Sat, 23 Jan 2021 03:41 PM (IST) Updated:Sat, 23 Jan 2021 03:41 PM (IST)
Neta jee Birth Anniversary : जम्मू के बुजुर्ग वेद गंडोत्रा नई पीढ़ी को सुनाते हैं नेताजी की गाथा
जम्मू के वेद गंडोत्रा 18 साल से लगातार नेता जी का जन्मदिन मनाते आ रहे हैं।

जम्मू, जागरण संवाददाता : देश को अंग्रेजों से आजादी मिलने में दो सौ साल से ज्यादा वक्त लग गया। आजादी में आसानी से नहीं मिली। इसके लिए स्वतंत्रता सेनानियों ने लंबा संघर्ष किया। अनगिनत लोगों ने कुर्बानियां दीं। आजादी के दीवाने सीधे अंग्रेजों से भिड़ गए थे। नेता जी सुभाष चंद्र बोस भी इनमें से एक थे, जिन्होंने अपने नारे से देश के लोगों में देशभक्ति का संचार किया। आजाद हिंद फौज का गठन किया। उन्होंने लोगों से कहा कि तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा। इसके बाद आजाद हिंद फौज में शामिल होने के लिए देश के लोगों में जुनून पैदा हो गया।

आखिरकार 15 अगस्त 1947 को देश को आजादी मिल ही गई। वेद गंडोत्रा आजाद हिंद फौज के बारे में बताते हुए उसमें ही खो जाते हैं। उन्होंने नई पीढ़ी को स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों के संघर्षों के बारे में जागरूक करने को अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया है। नेता जी सुभाष चंद्र बोस उनकी यादों में आज भी बसे हैं। बस तार छेड़ने की देर होती है, नेता जी जुड़ी यादें चलचित्र की तरह उनके दिमाग में चलने लगती हैं। वे 18 साल से लगातार नेता जी का जन्मदिन मनाते आ रहे हैं। उन्होंने कभी नेता जी को देखा नहीं, मगर विभिन्न माध्यम से उनके विचार तो सुनने को मिले ही।

84 साल के वेद गंडोत्रा को भले ही अब आंखों से भी कम दिखने लगा हो, मगर नेता जी सुभाष चंद्र की बातों की रोशनी आज भी उनमें पूरी तरह से कायम है। वह कहते हैं कि हर शख्स को नेता की तरह देश के लिए समर्पित होना चाहिए, लेकिन अफसोस यह है कि देश के युवा अपने ही वीरों को भुलाते जा रहे हैं। वेद गंडोत्रा का कहना है कि नेता जी ही कहते थे, कि हमारी राह भले ही भयानक और पथरीली हो, हमारी यात्रा चाहे कितनी भी कष्टदायक हो, लेकिन हमें आगे बढ़ना ही है। सफलता का दिन दूर हो सकता है लेकिन इसका आना अनिवार्य है। गंडोत्रा कहते हैं कि इसी तरह से हम सब को कार्य करते हुए आगे बढ़ना है और देश को आगे बढ़ाना है। वेद गंडोत्रा जोकि जम्मू कश्मीर फ्रीडम फाईटर्स एसोसिएशन के चेयरमैन हैं। उनके दो बेटे हैं। वेद गंडोत्रा का जीवन अब स्वतंत्रता सेनानियों की गाथाओं से लोगों को अवगत कराने में गुजर रहा है। उनकी पत्नी संतोष गंडोत्रा भी पूरा साथ देती हैं।

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