जम्मू कश्मीर में सादगी से मनाया गया ईद का त्यौहार, घरों में ही नमाज-ए-ईद अदा कर कोरोना कर्फ्यू का किया पालन

जम्मू कश्मीर में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों से उपजे हालात में लाेगों ने ईद-उल-फितर का त्यौहार बड़ी सादगी से मनाया। कहीं सामूहिक नमाज नहीं हुई और लोगोें ने घरों में ही नमाज-ए-ईद अदा करते हुए महामारी से निजात व पूरी दुनिया में अमन और खुशहाली की दुआ मांगी।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 07:12 PM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 07:12 PM (IST)
जम्मू कश्मीर में सादगी से मनाया गया ईद का त्यौहार, घरों में ही नमाज-ए-ईद अदा कर कोरोना कर्फ्यू का किया पालन
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने प्रदेश और पूरे देश में शांति, धार्मिक सद्भाव, आपसी भाईचारे और खुशहाली की कामना की।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। जम्मू कश्मीर में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों से उपजे हालात में लाेगों ने ईद-उल-फितर का त्यौहार बड़ी सादगी से मनाया। कहीं सामूहिक नमाज नहीं हुई और लोगोें ने घरों में ही नमाज-ए-ईद अदा करते हुए महामारी से निजात व पूरी दुनिया में अमन और खुशहाली की दुआ मांगी। इस दौरान वादी में हर जगह ईद की रौनक की जगह कोरोना कर्फ्यू का सन्नाटा ही नजर आया। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने लोगों को ईद की मुबारक देते हुए प्रदेश और पूरे देश में शांति, धार्मिक सद्भाव, आपसी भाईचारे और खुशहाली की कामना की। उन्होंने कहा कि यह मुबारक त्यौहार हम सभी लोगों की आपसी एकजुटता की भावना को और ज्यादा मजबूत बनाए और कोरोना महामारी के संकट से मुक्ति दिलाते हुए खुशहाली के एक नए दौर का रास्ता तैयार करे। उन्होंने लोगाें से कोविड-19 एसओपी के पालन का भी आग्रह किया।

पूरे प्रदेश में मुस्लिम आबादी करीब 68 प्रतिशत है

पाक रमजान का महीना संपन्न होने पर ही ईद-उल-फितर का त्यौहार मनाया जाता है। बुधवार की देर रात गए ही ईद का चांद नजर आया था और उसके साथ ही आज ईद मनाए जाने का एलान हुआ था। उल्लेखनीय है कि केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रदेश मुस्लिम बहुसंख्यक है। पूरे प्रदेश में मुस्लिम आबादी करीब 68 प्रतिशत है जबकि घाटी में 98 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है।

नौहट्टा स्थित एतिहासिक जामिया मस्जिद, हजरतबल दरगाह, जम्मू स्थित जामिया मस्जिद तालाबा खटीकां, वजीरनी मस्जिद समेत पूरे प्रदेश में किसी भी मस्जिद में सामूहिक तौर पर नमाज ए ईद नहीं हुई। मस्जिदों में सिर्फ अजान हुई या फिर नमाज के लिए चंद लोग ही हाजिर हुए। लाेगों ने अपने घरों में ही ईद मनाई। सभी मजहबी नेताओं, उलेमाआें और मौलवियाें ने लोगों से पहले ही आग्रह किया था कि कोरोना महामारी के प्रसार को रोकने के लिए जरुरी है कि सामूहिक नमाज से दूर रहा जाए। सभी लोग अपने घरों में ही नमाज अदा करें। जम्मू कश्मीर में कोरोना संक्रमितों की संख्या दो लाख का आंकड़ा पार कर चुकी हैे जबकि इस जानलेवा बीमारी ने करीब तीन हजार लाेगों की जान ली है। बीते कुछ दिनों से प्रदेश में औसतन 50 मरीजों की मौत रोजाना हो रही है।

प्रशासन ने ईद के दौरान कोरोना कर्फ्यू के भंग होने की आंशका के मद्देनजर आज पहले से ज्यादा मजबूत सुरक्षा बंदोबस्त किया था। अलबत्ता, लाेगों ने इसमें पूरा सहयोग किया। सभी बाजार बंद रहे। श्रीनगर के लालचौक, जहांगीर चौक, डलगेट, हरि सिंह हाईस्ट्रीट जैसे व्यस्त इलाके आज दिन भर वीरान रहे। सिर्फ श्रीनगर में ही नहीं बारामुला, कुपवाड़ा, बडगाम, गांदरबल, मागाम, कुलगाम, शोपियां, रामबन, किश्तवाड़, डोडा, जम्मू, रियासी, पुंछ, राजौरी, सांबा और कठुआ में भी कोराेना कर्फ्यूसे सामान्य जनजीवन पूरी तरह प्रभावित रहा। कहीं भी गली-बाजारों में ईद की रौनक नजर नहीं आयी। 

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