Jammu: हो रहा है तनाव, तो आओ करें बात, शिक्षा विभाग की हेल्पलाइन दे रही है बच्चों को तनाव से बचने के टिप्स

इस काउंसलिंग सेल से बच्चे ही नहीं बल्कि उनके अभिभावक भी सलाह ले सकते हैं। शिक्षा निदेशक जम्मू का कहना है कि बच्चे ज्यादा समय इस समय घर में ही बिता रहे हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Sat, 11 Jul 2020 11:31 AM (IST) Updated:Sat, 11 Jul 2020 11:31 AM (IST)
Jammu: हो रहा है तनाव, तो आओ करें बात, शिक्षा विभाग की हेल्पलाइन दे रही है बच्चों को तनाव से बचने के टिप्स
Jammu: हो रहा है तनाव, तो आओ करें बात, शिक्षा विभाग की हेल्पलाइन दे रही है बच्चों को तनाव से बचने के टिप्स

जम्मू, सुरेंद्र सिंह: कोरोना महामारी के बीच शिक्षा विभाग ने बच्चों को आनलाइन शिक्षा देने के बाद अब उनका तनाव दूर करने का बीड़ा भी उठा लिया है। पिछले लगभग चार महीने से घरों में ही बंद बच्चे अवसाद का शिकार होने लगे हैं। यह अवसाद एक तरफ आनलाइन शिक्षा से उन पर पढ़ रहे दबाव और हर वक्त कोरोना को लेकर हो रही चर्चाओं से हो रहा है। ऐसे में बच्चों में तनाव पैदा होना शुरू हो गया है जिस कारण बच्चों में चिड़चिड़ापन और गुस्सा भी ज्यादा बढ़ने लगा है।

पिछले लगभग डेढ़ महीने में शिक्षा निदेशालय के सामने भी ऐसे कई मामले सामने आए जिसमें अभिभावकों ने अपने बच्चों के व्यवहार में आ रहे बदलाव बारे जानकारी दी। इतना ही नहीं कुछ अभिभावक अपने बच्चों को लेकर मनोचिकित्सकों के पास भी पहुंच रहे हैं और उनसे बच्चों का उपचार कर रह हैं। उधर बच्चों के व्यवहार में बदलाव और उनमें बढ़ते तनाव को देखते हुए शिक्षा निदेशालय ने विशेष काउंसलिंग सेल का गठन किया जो बच्चों को तनाव होने पर घबराने नहीं बल्कि उन्हें बात करने के लिए प्रेरित कर रहा है। इस काउंसलिंग सेल को शिक्षा निदेशालय ने आओ बात करें नाम दिया है और बकायदा इससे संपर्क करने के लिए नंबर 6006800068 भी जारी किया है ताकि बच्चे या उनके अभिभावक इस पर संपर्क कर अपनी समस्या व परेशानी बता सकते हैं।

शिक्षा निदेशक जम्मू अनुराधा गुप्ता का कहना है कि शुरूआत में यह हेल्पलाइन बच्चों को सिर्फ पढ़ाई और उनके करियर संबंधी प्रश्नों के उत्तर देने के लिए शुरू की गई थी लेकिन कोरोना महामारी के चलते जब बच्चों को इससे तनाव होने लगा तो यहां से बच्चों को तनाव से बचने के टिप्स देने का फैसला लिया गया। इस काउंसलिंग सेल में अब मनोचिकित्सकों की भी मदद ली जा रही है जो बच्चों की शंकाओं को दूर कर रहे हैं। शिक्षा निदेशालय की ओर से इसके अलावा दो विशेष सेशन भी चलाए गए जिसमें मनोचिकित्सकों व प्रशिक्षित मनोविज्ञानिक शिक्षकों ने बच्चों को तनावमुक्त रहने के टिप्स दिए।

अभिभावक भी ले सकते हैं सलाह: इस काउंसलिंग सेल से बच्चे ही नहीं बल्कि उनके अभिभावक भी सलाह ले सकते हैं। शिक्षा निदेशक जम्मू का कहना है कि बच्चे ज्यादा समय इस समय घर में ही बिता रहे हैं। ऐसे में अगर अभिभावक अपने बच्चे के व्यवहार में बदलाव देखते हैं तो वे उनसे बात करें। अगर इसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं होता तो वे सेल से संपर्क कर सकते हैं। उन्हें उचित सलाह दी जाएगी और बच्चों की काउसंलिंग भी की जाएगी। 

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