Jammu Kashmir में अब आनलाइन बनेंगे ड्रग लाइसेंस, आनलाइन माडयूल शुरू किया
ड्रग और कांस्मेटिक एक्ट 1940 के तहत दवाइयों के निर्माण तथा इन्हें बेचने के लाइसेंस हासिल करने की पूरी प्रक्रिया आनलाइन की गई है। इस पोर्टल के जरिए लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया लागू करने वाला जम्मू-कश्मीर देश का पहला केंद्र शासित प्रदेश है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विवेक भरद्वाज ने रिटेल, होलसेल और दवाइयां बनाने का लाइसेंस हासिल करने के लिए आनलाइन माडयूल शुरू किया। इसे सुगम व्यापार के तहत शुरू किया गया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि यह आनलाइन माडयूल शुरू होने से जम्मू-कश्मीर देश का पहला केंद्र शासित प्रदेश बन गया है जहां पर दवाइयों के लाइसेंस आनलाइन बनेंगे।
नेशनल ड्रग अथारिटी की ड्र स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन ने सेंटर फार डेवलपमेंट आफ एडवांस कंप्यूटिंग नोयडा के सहयोग से पान इंडिया पोर्टल तैयार किया है। इसमें ड्रग और कांस्मेटिक एक्ट 1940 के तहत दवाइयों के निर्माण तथा इन्हें बेचने के लाइसेंस हासिल करने की पूरी प्रक्रिया आनलाइन की गई है। इस पोर्टल के जरिए लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया लागू करने वाला जम्मू-कश्मीर देश का पहला केंद्र शासित प्रदेश है।
एयर सुविधा पोर्टल से डेटा का आकलन करें अधिकारी : जम्मू के मंडलायुक्त ने अधिकारियों को ओमिक्रान संक्रमण वाले सूचीबद्ध देशों से आने वाले यात्रियों का जल्दी पता लगाने के लिए एयर सुविधा पोर्टल से डेटा का आकलन करने का निर्देश दिया। राज्य निगरानी अधिकारी को वास्तविक समय के आधार पर मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी और फील्ड इकाइयों के साथ सूचियों को साझा करने के लिए कहा। सभी मुचय स्वास्थ्य अधिकारियों को आठ दिनों की निगरानी अवधि के दौरान विदेशी यात्रियों के गेट पर ''होम क्वारंटाइन'' के स्टिकर चिपकाने के लिए कहा गया।
मंडलायुक्त ने ने प्रवेश द्वारों जिलों कठुआ, जम्मू और रियासी के जिला प्रशासन को भविष्य की किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सरकारी और पेड क्वारंटाइन केंद्रों को सूचित करने का निर्देश दिया। उन्होंने हवाई अड्डे, लखनपुर और कटड़ा में घरेलू यात्रियों के रैपिड टेस्ट परीक्षण को तेज करने को कहा। स्वास्थ्य विभाग को विदेश यात्रा के संक्रमित यात्रियों लिए अलग वार्ड बनाने और यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिया विदेश यात्रा के इतिहास के बगैर संक्रमित आने वाले अन्य के साथ मिश्रित नहीं हों।