Jammu Kashmir: ज्ञान के क्षेत्र में निजीकरण से देश वैश्विक स्तर पर उभर कर सामने आ रहा है: जितेंद्र सिंह

नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी श्रीनगर में डा. जितेंद्र सिंह ने कहा कि कुछ सालों से संसाधनों के अभाव के कारण विज्ञान व तकनीक विकसित नहीं हो पाई मगर जब से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने निजीकरण को बढ़ावा दिया है

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Tue, 07 Sep 2021 08:48 PM (IST) Updated:Tue, 07 Sep 2021 08:48 PM (IST)
Jammu Kashmir: ज्ञान के क्षेत्र में निजीकरण से देश वैश्विक स्तर पर उभर कर सामने आ रहा है: जितेंद्र सिंह
डा. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश विज्ञान के क्षेत्र में लगातार तरक्की कर रहा है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो । पीएमओ में राज्यमंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश विज्ञान के क्षेत्र में लगातार तरक्की कर रहा है। मौजूदा सरकार ने प्राइवेट क्षेत्र के द्वार खोले है। स्टार्ट अप से रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं। यह सिर्फ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही हैं जिन्होंने भारत के परमाणु कार्यक्रम के विस्तार की अनुमति दे दी है।

नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी श्रीनगर में नैनोटेक्नोलॉजी फार बेटर लिविंग विषय पर पांच दिवसीय कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए डा. जितेंद्र सिंह ने कहा कि कुछ सालों से संसाधनों के अभाव के कारण विज्ञान व तकनीक विकसित नहीं हो पाई मगर जब से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने निजीकरण को बढ़ावा दिया है तब से भारत वैश्विक स्तर पर उभर कर सामने आ रहा है। युवाओं में विज्ञान के प्रति दिलचस्पी बढ़ाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका में भारतीय मूल की ग्यारह साल की छात्रा ने अमेरिका का युवा वैज्ञानिक अवार्ड हासिल किया है। छात्रा ने पानी को स्वच्छ करने का यंत्र तैयार किया है।

पिछले कुछ सालों से नैनोटेक्नोलॉजी तकनीक आधारित ड्रस डिलिवरी सिस्टम का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कांफ्रेंस के लिए निट प्रबंधन को मुबारकबाद देते हुए कहा कि इसमें प्रस्तुत होने वाले रिसर्च पेपरों का फायदा युवाओं को मिलेगा। आल इंडिया काउंसिल फार टेक्नीकल एजूकेशन के चेयरमैन डा. अनिल साहरसाबुद्दे ने कहा कि नैनोटेक्नोलॉजी बारे जानकारी तो भारतीय को हजारों सालों से रही है। निट श्रीनगर के निदेशक प्रो. राकेश सहगल ने संस्थान की गतिविधियों की जानकारी दी। पांच दिवसीय कांफ्रेंस में देश विदेश के 300 से अधिक शिक्षाविद्, विद्यार्थी हाईब्रिड मोड से भाग ले रहे हैं।

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