डोगरा फ्रंट शिव सेना का विरोध प्रदर्शन, अनुभवी अधिकारी को JMC आयुक्त बनाने की मांग

अक्सर उसी अधिकारी को नगर निगम आयुक्त बनाया जाता था। जिसका अनुभव कम से कम 15 वर्ष का होता था लेकिन अब ऐसी अधिकारी को नगर निगम आयुक्त बनाया गया है जिसका कोई अनुभव नहीं है। जिसे शहर के हालात की भी जानकारी नहीं है।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 06:18 PM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 06:18 PM (IST)
डोगरा फ्रंट शिव सेना का विरोध प्रदर्शन, अनुभवी अधिकारी को JMC आयुक्त बनाने की मांग
सरकार को जल्द से जल्द किसी अनुभवी अधिकारी को नगर निगम आयुक्त बनाने की मांग की है।

जम्मू, जागरण संवाददाता : जम्मू नगर निगम की मनमर्जियों और तानाशाही रवैये के खिलाफ शिव सेना डोगरा फ्रंट ने प्रदर्शन करते हुए सरकार को जल्द से जल्द किसी अनुभवी अधिकारी को नगर निगम आयुक्त बनाने की मांग की है।

प्रदर्शन कर रहे शिव सेना डोगरा फ्रंट ने आरोप लगाया है कि नगर निगम जम्मू के हालात बिगाड़ने में लगी हुई है। लोगों को भटकाने का काम किया जा रहा है। जो काम नहीं होने चाहिए वह करवाए जा रहे हैं और जो नहीं होने चाहिए उनकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे डोगरा फ्रंट शिव सेना के अध्यक्ष अशोक गुप्ता ने आरोप लगाया कि नगर निगम बदले की भावना से काम कर रही है। किसी नियम कानून का पालन नहीं हो पा रहा। जिसके चलते आम जनता परेशान हो रही है।

दुकानदारों को इस कदर परेशान किया जा रहा है कि उनके लिए काम करना मुश्किल हो गया है। उन्हें दुकानों का सामान पर प्रदर्शित नहीं करने दिया जा रहा। शहर भर में पीली लाइन खिंची जा रही है कि कोई उस लाइन के बाहर अपना सामान न लगा सकें। हालत यह है कि ऐसे हालात में दुकानदारों के लिए दुकानों पर ताला लगाना भी मुश्किल हो गया है क्योंकि पीली लाइन दुकान के इतनी नजदीक से खींची जा रही है कि दुकान का ताला भी पीली लाइन के बाहर आ रहा है।

अक्सर उसी अधिकारी को नगर निगम आयुक्त बनाया जाता था। जिसका अनुभव कम से कम 15 वर्ष का होता था लेकिन अब ऐसी अधिकारी को नगर निगम आयुक्त बनाया गया है जिसका कोई अनुभव नहीं है। जिसे शहर के हालात की भी जानकारी नहीं है। अक्सर नगर पार्षदों की बैठक में लिए गए फैसलों पर काम करती है लेकिन यहां ऐसा नहीं है। यहां पार्षद भी मूकदर्शक बने तमाशा देख रहे हैं।पार्षद द्वारा की गई 13 बैठकों में दुकानों के सामने पीली रेखा खींचने के बिल पर कभी चर्चा नहीं हुई लेकिन फिर भी अधिकारियों ने पीली रेखाएं खींचनी शुरू कर दीं।

शिवाजी चौक पर एक गोदाम को तोड़ा जाना था। लेकिन इसके स्थान पर दुकान को तोड़ा गया और कभी भी तोड़ने पर चर्चा नहीं हुई। जिससे जम्मू के दुकानदारों में दहशत की स्थिति पैदा हो गई। वहीं न्यू प्लाट में नाले पर को ढक कर सड़क पर अतिक्रमण कर लिया गया। हाई टेंशन खम्बों को एक नगर निगम भवन के अंदर कर लिया गया। पूरी तरह से नियमों को ताक कर काम करवाया गया। जिसका स्थानीय लोग लगातार विरोध कर रहे हैं लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। ऐसे कई मामले हैं, यहां नगर निगम का तानाशाह रवैया झलकता है। ऐसे तानाशाह अधिकारी जम्मू की शांत जनता को सड़कों पर उतरने को मजबूर रहे हैं। अशोक गुप्ता ने कहा कि पिछले दो वर्षाेंं में नगर निगम ने जितने भी कार्य करवाए हैं उनकी जांच होनी चाहिए कि कैसे पैसे का दुरुपयोग हो रहा है और कैसे लोगों को परेशान किया जा रहा है। हालत यह है कि कोर्ट के आदेशों की भी उपेक्षा हो रही है।

गुप्ता ने कहा कि ये सभी मामले जम्मू के खिलाफ एक साजिश की तरह लगते हैं क्योंकि पहले से ही कोविड-19 के कारण कारोबारी माहौल खराब है।इस समय उन्हें सहयोग की जरूरत है लेकिन उन्हें हतोत्साहित किया जा रहा है।

शिव सेना डोगरा फ्रंट ने नगर निगम अधिकारियों के रवैये के खिलाफ शहर में रैली भी निकाली। जिसमें कई दुकानदारों ने भाग लिया। दुकानदार मांग कर रहे हैं कि नगर निगम उन सभी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, जो दुकानदारों को परेशान कर रहे हैं।

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