Jammu: सरकारी नौकरियों में जम्मू के साथ भेदभाव को लेकर भड़के डोगरा फ्रंट ने किया प्रदर्शन

डोगरा फ्रंट शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने सर्विस सलेक्शन बोर्ड के खिलाफ नारे लगाए और कहा कि बोर्ड से जवाब मांगा जाए। मौके पर अध्यक्ष अशोक गुप्ता ने कहा कि एग्रीकल्चर टेक्नोक्रेट के लिए भी नौकरियां निकाली गई हैं। इसमें 20 पद जम्मू व 136 कश्मीर के लिए हैं।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Fri, 22 Jan 2021 07:40 PM (IST) Updated:Fri, 22 Jan 2021 07:40 PM (IST)
Jammu: सरकारी नौकरियों में जम्मू के साथ भेदभाव को लेकर भड़के डोगरा फ्रंट ने किया प्रदर्शन
डोगरा फ्रंट शिवसेना ने शुक्रवार को सर्विस सलेक्शन बोर्ड के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया।

जम्मू, जागरण संवाददाता : जम्मू क्षेत्र के साथ भेदभाव किए जाने का आरोप लगाकर डोगरा फ्रंट शिवसेना ने शुक्रवार को सर्विस सलेक्शन बोर्ड के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। इन कार्यकर्ताओं ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद भी नौकरियों के मामले में जम्मू के साथ सौतेला व्यवहार क्यों हो रहा है? हाल ही में सर्विस सलेक्शन बोर्ड ने वर्क सुपरवाइजर के 76 पदों को कश्मीर से भरने का विज्ञापन जारी किया, लेकिन जम्मू के लिए कोई विज्ञापन जारी नहीं हुआ। कार्यकर्ताओं ने कहा कि जम्मू-कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश है। ऐसे में महज कश्मीर संभाग के लिए ही नौकरियां कैसे निकाली जा सकती है। सर्विस सलेक्शन बोर्ड की मनमर्जी अब नहीं चलने दी जाएगी।

कार्यकर्ताओं ने सर्विस सलेक्शन बोर्ड के खिलाफ नारे लगाए और कहा कि बोर्ड से जवाब मांगा जाए। मौके पर संबोधित करते हुए अध्यक्ष अशोक गुप्ता ने कहा कि एग्रीकल्चर टेक्नोक्रेट के लिए भी नौकरियां निकाली गई हैं। इसमें 20 पद जम्मू व 136 पद कश्मीर के लिए हैं। वहीं फायर सर्विसेज में भी इसी तरह का भेदभाव है। अशोक गुप्ता ने कहा कि वह केंद्र सरकार से पूछना चाहते हैं कि आखिर केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में क्या हो रहा है? आज भी वही हाल है जो जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने से पहले था। अब यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

नौकरियों पर जम्मू के बच्चों का भी पूरा हक है। इसलिए सर्विस सलेक्शन बोर्ड अब भेदभाव की नीति छोड़ दे। उन्होंने प्रधानमंत्री से सवाल किया कि केंद्र शासित प्रदेश बनाने के लिए भेदभाव खत्म करने की बड़ी-बड़ी बातें हुई थी, आज इस पर अमल क्यों नहीं है। गुप्ता ने कहा कि अब बराबरी होगी। जम्मू के भी उतनी नौकरियां दी जाएं जितनी की कश्मीर में दी जा रही हैं। अगर इसमें मनमर्जी की गई तो डोगरा फ्रंट को सड़क पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। मौके पर बंटू निखिल, सुरेश, नरेश, विजय, कालू आदि उपस्थित थे।

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