Jammu Kashmir: कश्मीर के डाक्टर्स एसोसिएशन ने कहा- स्कूल खोलने से पहले बच्चों और शिक्षकों का किया जाए टीकाकरण

डाक्टर्स एसोसिएशन कश्मीर ने शनिवार को प्रशासन से अनुरोध किया कि स्कूल खोलने से पहले शिक्षकों और बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए टीके लगाए जाएं। एसोसिएशन के प्रधान डॉ. निसार उल हसन ने कहा कि कोरोना से बचाव और पढ़ाई में कोई भी बाधा न आए

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Sat, 23 Jan 2021 07:55 PM (IST) Updated:Sat, 23 Jan 2021 07:55 PM (IST)
Jammu Kashmir: कश्मीर के डाक्टर्स एसोसिएशन ने कहा- स्कूल खोलने से पहले बच्चों और शिक्षकों का किया जाए टीकाकरण
अगर बच्चे संक्रमित हुए ता वे शिक्षकों के अलावा अन्य में भी संक्रमण फैला सकते हैं।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : डाक्टर्स एसोसिएशन कश्मीर ने शनिवार को प्रशासन से अनुरोध किया कि स्कूल खोलने से पहले शिक्षकों और बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए टीके लगाए जाएं। एसोसिएशन के प्रधान डॉ. निसार उल हसन ने कहा कि कोरोना से बचाव और पढ़ाई में कोई भी बाधा न आए, इसके लिए यह जरूरी है कि शिक्षकों और बच्चों को प्राथमिकता पर वैक्सीन दी जाए। वैक्सीन उन्हें संक्रमण से बचाएगी। इससे सभी स्कूल आराम से बिना किसी के भय के जा सकेंगे। अगर हम ऐसा नहीं करते हैं और बिना वैक्सीन के ही स्कूलों में भेजते हैं तो यह उसके लिए सही नहीं होगा।

उन्होंने कहा कि बच्चों के संक्रमित होने की आशंका रहती है। अगर बच्चे संक्रमित हुए ता वे शिक्षकों के अलावा अन्य में भी संक्रमण फैला सकते हैं। यही नहीं बच्चों से परिवार में भी संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहती है। उन्होंने कहा कि स्कूल खोलना सिर्फ बच्चों के आने-जाने तक ही सीमित नहीं है। इससे पूरी चेन बनती है। कई प्रकार की गतिविधियां होती हैं। ऐसे में सुरक्षा के लिए पहले से ही सभी प्रबंध होने चाहिए। इस समय स्कूलों में जो आधारभूत ढांचा है, वे संक्रमण को बढ़ावा देने के लिए काफी है।

उन्होंने कहा कि हम ऐसे समय में स्कूल खोलने जा रहे हैं, जब बच्चे अधिकांश समय बंद कमरों में शिक्षकों के साथ बिताएंगे। उन्होंने कहा कि अगर किसी जगह पर एक लाख जनसंख्या पर पच्चीस मामले प्रतिदिन आ रहे हैं तो उसे रेडजोन माना जाना चाहिए। इसीलिए स्कूल खोलने से पहले प्रशासन को सभी पहलुओं पर मंथन करने की जरूरत है। ज्ञात रहे कि फरवरी के स्कूल खुलने की तैयारी के बीच डॉक्टर्स एसोसिएशन ने प्रशासन और अभिभावकों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। उम्मीद की जा रही है कि बच्चों के वैक्सीनेशन की पहल प्रदेश प्रशासन जल्द करेगा।

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