Jammu Kashmir: ड्यूटी के दौरान नहीं करते निजी अस्पतालों में काम, डाक्टर-पैरामेडिकल स्टाफ देंगे अंडरटेकिंग

सभी कर्मचारियों के लिए जारी इस सर्कुलर में कहा गया है कि सभी ब्लाक मेडिकल आफिसर इंचार्ज मेडिकल आफिसर्स अर्बन हेल्थ सेंटर अपने मेडिकल आफिसर्स यह लिखकर दें कि वह अस्पतालों में ड्यूटी के समय किसी भी निजी अस्पताल नर्सिंग होम या फिर लेबोरेटरी में काम नहीं करते हैं।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 05:24 PM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 05:24 PM (IST)
Jammu Kashmir: ड्यूटी के दौरान नहीं करते निजी अस्पतालों में काम, डाक्टर-पैरामेडिकल स्टाफ देंगे अंडरटेकिंग
इस बारे में मुख्य स्वास्थ्य अधिकारियों ने सर्कुलर भी जारी किया है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो । सरकार ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के कर्मचारियों पर अब सख्ती बढ़ा दी है। अब उन सभी को यह लिखकर देने को कहा है कि वे ड्यूटी के समय किसी भी निजी अस्पताल या फिर लेबोरेटरी में काम नहीं करते हैं। इस बारे में मुख्य स्वास्थ्य अधिकारियों ने सर्कुलर भी जारी किया है।

सभी कर्मचारियों के लिए जारी इस सर्कुलर में कहा गया है कि सभी ब्लाक मेडिकल आफिसर, इंचार्ज मेडिकल आफिसर्स, अर्बन हेल्थ सेंटर अपने मेडिकल आफिसर्स और पैरामेडिकल आफिसर्स से यह लिखकर दें कि वह अस्पतालों में ड्यूटी के समय किसी भी निजी अस्पताल, नर्सिंग होम या फिर लेबोरेटरी में काम नहीं करते हैं। स्थायी और अस्थायी दोनों ही प्रकार के कर्मचारियों को स्वयं अटैस्ट किए गए प्रमाणपत्र में यह लिखकर देना होगा। इसके लिए सभी को एक सप्ताह का समय दिया गया है। जम्मू के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ने वीरवार को यह सर्कुलर जारी किया।

जम्मू-कश्मीर में कई डाक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ पर यह आरोप लगे हैं कि वह ड्यूटी के समय निजी अस्पतालों व नर्सिंग होम में काम कर रहे होते हैं। इसकी शिकायतें लोगों ने उच्चाधिकारियों से भी की हैं। डाक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ से यह अंडरटेकिंग भी इन्हीं शिकायतों के बाद ली जा रही है। इसका मकसद स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में काम को लेकर पारदर्शिता को बढ़ाना भी है।

कुछ सप्ताह पहले ही विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर पश्चिम बंगाल काडर के आइएएस अधिकारी विवेक भारद्वाज की नियुक्ति हुई थी। उन्होंने पहले कश्मीर और अब जम्मू संभाग में स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली की समीक्षा भी की है। उन्होंने यह साफ निर्देश दिए हैं कि सभी अधिकारी अपने काम पर ध्यान दें। इस दौरान वह अधिकारियों से उनके कामकाज को लेकर स्पष्ट नजर आ रहे हैं। अब यह सर्कुलर भी उन्हीं के दिशा निर्देशों के बाद ही उठाया गया एक कदम बताया जा रहा है।

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