World Rabies Day: अगर कुत्ता काट ले तो घबराएं नहीं, जख्म को तुरंत धोएं, GMC Jammu में इलाज करवाएं
राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू में पिछले छह साल में जानवरों के काटने के 35 हजार के करीब मामले आ चुके हैं। इनमें अधिकतर कुत्तों के काटने के ही होते हैं। इस साल के पहले आठ महीने में राजकीय मेडिकल कालेज के एंटी रेबीज सेक्शन में 3452 मामले आए हैं।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में जानवरों विशेषकर कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। हर साल जानवरों के काटने के हजारों मामले में आ रहे हैं। सिर्फ राजकीय मेडिकल कालेज अस्पताल जम्मू के एंटी रेबीज सेक्शन में ही तीस से 35 मामले प्रतिदिन आ रहे हैं। इनमें 90 फीसद कुत्तों के काटने के मामले ही होते हैं।
आंकड़ों के अनुसार, राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू में पिछले छह साल में जानवरों के काटने के 35 हजार के करीब मामले आ चुके हैं। इनमें अधिकतर कुत्तों के काटने के ही होते हैं। इस साल के पहले आठ महीने में राजकीय मेडिकल कालेज के एंटी रेबीज सेक्शन में 3452 मामले आए हैं। इनमें से 577 मामले ऐसे थे, जिन्हें सिर्फ वैक्सीन दी गई, जबकि 2875 मरीज ऐसे थे जिन्हें वैक्सीन और सीरम दोनों की जरूरत पड़ी। साल 2020 में 6202 मामले आए थे। इनमें से 1483 ऐसे थे, जिन्हें सिर्फ वैक्सीन की जरूरत पड़ी, जबकि 4715 मामले ऐसे थे जिन्हें वैक्सीन और सीरम दोनों की ही जरूरत पड़ी। इन दो वर्ष में हालांकि कोविड के कारण मामलों में थोड़ी कमी देखने को मिली।
प्रिवेंटिव सोशल मेडिसिन विभाग के एचओडी डा. राजीव कुमार का कहना है कि एंटी रेबीज सेक्शन में जानवरों के काटने के जो मामले आते हैं, उनमें से 90 फीसद कुत्तों के काटने के होते हैं। अन्य मामले बिल्ली, बंदर व अन्य जानवरों के काटने के होते हैं। कुछ मामलों में कुत्तों ने लोगों को बुरी तरह से काटा होता है, लेकिन इसका इलाज पूरी तरह से संभव है। कुछ लोग झाड़-फूंक करवाने के लिए चले जाते हैं, जो घातक होता है। मरीज का इलाज अस्पताल में ही होना चाहिए।
जीएमसी जम्मू में प्रिवेंटिव सोशल मेडिसिन विभाग के पूर्व एचओडी डा. दिनेश कुमार का कहना है कि अगर किसी को कुत्ता काटता है और वह 24 घंटे के भीतर वैक्सीन और सीरम ले लेता है तो उसमें रेबीज की आशंका नहीं रहती। रेबीज उन्हीं को होता है जो अपना इलाज नहीं करवाते। अगर रेबीज हो जाए तो मरीज के बचने की संभावना न के बराबर रहती है। इसमें घबराने की जरूरत नहीं है, लोगों को जागरूक करना जरूरी है। यदि लापरवाही न बरती जाए और समय पर इलाज करवाएं तो ठीक हो सकते हैैं। राजकीय मेडिकल कालेज अस्पताल जम्मू में भी इसका इलाज उपलब्ध है।
जख्म धोने से संक्रमण नहीं होता है
दूरप्रिवेंटिव सोशल मेडिसिन विभाग के एचओडी डा. राजीव कुमार का कहना है कि अगर कुत्ता या फिर अन्य कोई जानवर काटता है तो जख्म को उसी समय बहते हुए पानी में साबुन से दस मिनट तक साफ करें। जख्म धोने से 80 फीसद इंफेक्शन दूर हो जाता है। जख्म वाली जगह पर मिर्च या फिर सूरमा न लगाएं। इससे इंफेक्शन का खतरा रहता है। यदि किसी को कुत्ता या फिर अन्य कोई जानवर काटता है तो उसे घबराने की जरूरत नहीं है। निश्शुल्क इलाज जीएमसी में उपलब्ध है। इसके लिए उसे पहले से निर्धारित समय अवधि में अस्पताल आना पड़ेगा।
जम्मू संभाग में जानवरों के काटने के मामले वर्ष जानवरों के काटने के मामले
2015 : 5671
2016 : 7312
2017 : 8339
2018 : 4698
2020 : 6202
2021 : 3452