World Heart Day: करें दिल की देखभाल, लक्षण हों तो तुरंत करें डॉक्टर से संपर्क, ताकि दिल को हरा न पाए अदृश्य दुश्मन

विश्व हृदय दिवस कोविड 19 ने कई हृदय रोगियों को भी चपेट में लिया -करें दिल की देखभाल लक्षण हों तो तुरंत करें डॉक्टर से संपर्क जम्मू- कश्मीर में अभी तक करीब साढ़े ग्यारह सौ कोरोना संक्रमित मरीज दम तोड़ चुके हैं।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Tue, 29 Sep 2020 09:58 AM (IST) Updated:Tue, 29 Sep 2020 01:05 PM (IST)
World Heart Day: करें दिल की देखभाल, लक्षण हों तो तुरंत करें डॉक्टर से संपर्क, ताकि दिल को हरा न पाए अदृश्य दुश्मन
कोविड 19 ने कई हृदय रोगियों को भी चपेट में लिया

जम्मू, रोहित जंडियाल। जम्मू- कश्मीर में अभी तक करीब साढ़े ग्यारह सौ कोरोना संक्रमित मरीज दम तोड़ चुके हैं। इनमें से अधिकांश लोग कई बीमारियों से पीड़ित थे। कुछ लोग निमोनिया और सांस संबंधी रोगों से ग्रस्त थे तो कुछ मरीज ऐसे भी थे जिन्हें हृदय रोग की समस्या थी।

डॉक्टरों का कहना है कि जिन लोगों में प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो, उन्हें संक्रमण की आशंका अधिक रहती है। फेफड़ों और हृदय रोग वाले मरीजों को अधिक समस्या आती है। आंकड़ों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में कोविड 19 से संक्रमित जिन पहले सौ मरीजों की मौत हुई थी, उनमें करीब पंद्रह फीसद हृदय रोगी थे। इसके बाद भी अस्पतालों में संक्रमित आए कई मरीज हृदय रोगी ही थे। इन रोगियों में संक्रमण की आशंका अधिक रहती है।

सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में हृदय रोग विभाग के एचओडी डॉ. सुशील शर्मा का कहना है कि यह कहना तो मुश्किल है कि कोविड-19 के कारण अभी तक कितने हृदय रोगियों की मौत हो चुकी है, लेकिन कोरोना श्वांस प्रणाली को नष्ट करता है। इससे फेफड़ों में पानी भर जाता है और इससे दिल पर तेजी से काम करने का दबाव बढ़ता है। शरीर के मुख्य अंगों को रक्त सप्लाई पहुंचने में बाधा पहुंचती है। पहले से बीमार मरीजों के संक्रमित होने की आशंका अधिक रहती है। इसीलिए अगर सांस लेने में जरा भी दिक्कत है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

जम्मू-कश्मीर में कोरोना संक्रमित मरीज की पहली मौत 26 मार्च को हुई थी। 65 वर्षीय बुजुर्ग श्रीनगर का रहने वाला था। वह हृदयरोग से पीड़ित था। 13 मई को जम्मू के प्रीत नगर के रहने वाले बुजुर्ग की मौत हुई। वह भी हृदयरोग से पीड़ित था। 16 मई को शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस में भी जिस कोरोना मरीज की मौत हुई, वह भी हृदयरोग से ग्रस्त था। 19 मई को रफियाबाद के 55 वर्षीय व्यक्ति की मौत हृदयाघात से हुई। उसमें भी संक्रमण की पुष्टि हुई थी। 25 मई को त्रिकुटा नगर जम्मू के 50 वर्षीय व्यक्ति की मौत हुई। वह भी हृदय रोग की समस्या से पीड़ित  था।

जम्मू-कश्मीर में हृदय रोगियों की संख्या बढ़ी

जम्मू-कश्मीर में हृदय रोगियों की संख्या तेजी के साथ बढ़ी है। हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. सुशील शर्मा का कहना है कि पिछले डेढ़ दशक में हृदय रोगियों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है। इसके पीछे जीवनशैली में बदलाव, तनाव, आतंकवाद, पलायन प्रमुख कारण हैं। कोरोना के कारण जो हालात बने हैं, उसका असर भी आने वाले दिनों में देखा जा सकता है। आसपास के माहौल में जितना तनाव होगा, उतना ही दिल पर इसका विपरीत असर पड़ता है।

बचाव के लिए उठाए यह कदम :

अगर दिल के रोग से बचना है तो नियमित व्यायाम करें। नियमित रूप से 45 मिनट व्यायाम करने से इस रोग के होने की आशंका कम हो जाती है। जंक फूड के सेवन से बचें और फल व सब्जियों का सेवन करें। हाई फैट डाइट खाने से भी परहेज करें। धुम्रपान न करें। कोरोना के इस दौर में विशेषकर हृदयरोगी शारीरिक दूरी बनाएं रखें। हाथों को सैनिटाइज करें और डॉक्टर की सलाह से पौष्टिक आहार लें।

chat bot
आपका साथी