Jammu Kashmir: हरकत में आया प्रशासन, घर-घर जाकर कोविड मरीजों के स्वास्थ्य की होगी समीक्षा

कोरोना के लगातार बढ़ रहे मरीजों और उनकी हो रही मौत के बाद अब प्रशासन जागा है। जम्मू के डिवीजनल कमिश्नर राघव लंगर ने घरों में इलाज करवा रहे कोविड मरीजों के अलावा संदिग्ध मरीजों के स्वास्थ्य की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 05:26 PM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 05:35 PM (IST)
Jammu Kashmir: हरकत में आया प्रशासन, घर-घर जाकर कोविड मरीजों के स्वास्थ्य की होगी समीक्षा
उन्होंने सभी जिला मजिस्ट्रेट को 3 दिनों के भीतर ऐसे मरीजों के स्वास्थ्य की समीक्षा करने के निर्देया दिए।

जम्मू, राज्य ब्यूरो । कोरोना के लगातार बढ़ रहे मरीजों और उनकी हो रही मौत के बाद अब प्रशासन जागा है। जम्मू के डिवीजनल कमिश्नर राघव लंगर ने घरों में इलाज करवा रहे कोविड मरीजों के अलावा संदिग्ध मरीजों के स्वास्थ्य की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी जिला मजिस्ट्रेट को 3 दिनों के भीतर ऐसे मरीजों के स्वास्थ्य की समीक्षा करने के निर्देया दिए। यह प्रक्रिया 11 से 14 मई के बीच चलेगी।

डिवीजनल कमिश्नर ने जिला मजिस्ट्रेट को इसके लिए संबंधित विभागों की संयुक्त टीमों का गठन करने को कहा। इसकी जिम्मेदाारी उन्होंने बूथ स्तर के अधिकारी को देने को कहा। उन्होंने कहा कि घरों का डाटा पहले से ही स्वस्थ्स निधि एप में उपलब्ध होगा या फिर विभाग ने कोई और सर्वे किया होगा। घरों की पहचान मतदाता सूचियों के आधार पर भी हो सकती है। इन टीमों में पटवारी या फिर राजस्व विभाग का कोई अन्य अधिकारी, कांस्टेबल, बीएलओ, आशा वर्कर, एएनएम या मेल मल्टीपर्पस वर्कर होंगे। इसके अलावा उनकी सहायता के लिए टीचर, आंगनवाड़ी वर्कर या आंगनवाड़ी सुपरवाइजर भी होगा।

इस पूरी प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए शहरी निकायों और ग्रामीण क्षेत्रों में काउंसलर भी टीमों के साथ रहेंगे। यह टीमें घरों में जाकर परिजनों के स्वास्थ्य की स्थिति, कोविड मरीज या संदिग्ध के स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में पता करेंगी। टीम उनसे यह भी पूछेगी कि क्या उन्हें कोई और बीमारी तो नहीं है। अगर टीम को लगेगा कि मरीज की हालत खराब है तो उसे तुरंत त्रिस्तरीय व्यवस्था वाले कोविड अस्पताल में भर्ती करने के लिए भेजा जाएगा। अगर कोई बुजुर्ग है और उसे कोविड के अलावा अन्य कोई बीमारी भी है और घर में आइसोलेट होने में दिक्कत है तो उसे कोविड केयर सेंटर में भेजा जाएगा।

अगर मरीज का टेस्ट करने, उसे शिफ्ट करने के लिए एम्बुलेंस की जरूरत पड़ती है तो उसका प्रबंध भी जिला प्रशासन करेगा। टीम परिवारों को कोविड से संबधित जरूरी सूचनाएं उपलब्ध करवाने के लिए उन्हें इश्तिहार भी देंगी जिनमें कंट्रोल रूम के नंबर होंगे। यही टीम कोविड के प्रबंधन के लिए मरीजों को किट भी देंगी जिनमें पल्स ऑक्सीमीटर और दवाइयां होंगी।डिवीजनल कमिश्नर ने पूरी प्रक्रिया को 13 मई तक पूरा करने के निर्देश दिए हैं। इसका मकसद घरों में हो रही माैतों को कम करना है।

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