Jammu Kashmir: रंगमंच को शिक्षा का हिस्सा बनाया जाना चाहिए : निर्देशक आशीष देव चरण

नटरंग के नेशनल थिएटर टॉक शो ‘यंग वॉयस ऑफ थिएटर’ में राजस्थान के एक समर्पित रंगमंच अभिनेता निर्देशक और प्रशिक्षक आशीष देव चरण ने कहा कि रंगमंच को शिक्षा का हिस्सा बनाया जाना चाहिए। हर बच्चे को रंगमंच से जोड़ा जाना उसके व्यक्तित्व विकास के लिए जरूरी है।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 06:19 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 06:20 PM (IST)
Jammu Kashmir: रंगमंच को शिक्षा का हिस्सा बनाया जाना चाहिए : निर्देशक आशीष देव चरण
आशीष देव चरण का जन्म और पालन-पोषण राजस्थान में हुआ था।वह एक युवा थिएटर अभिनेता और निर्देशक हैं।

जम्मू, जागरण संवाददाता : नटरंग के नेशनल थिएटर टॉक शो ‘यंग वॉयस ऑफ थिएटर’ में राजस्थान के एक समर्पित रंगमंच अभिनेता, निर्देशक और प्रशिक्षक आशीष देव चरण ने कहा कि रंगमंच को शिक्षा का हिस्सा बनाया जाना चाहिए। हर बच्चे को रंगमंच से जोड़ा जाना, उसके व्यक्तित्व विकास के लिए जरूरी है।

नटरंग के वरिष्ठ कलाकार नीरज कांत के साथ टॉक शो में उन्होंने बताया कि उनके पिता अर्जुन देव चरण स्वयं एक रंगमंच शख्सियत हैं।उन्हें घर से ही रंगमंच को आगे बढ़ाने के लिए जबरदस्त प्रोत्साहन मिला।लेकिन यह उतना आसान नहीं था। जितना लगता है।

थिएटर में शामिल होने की अनुमति देने से पहले उन्हें योग्यता और दृष्टिकोण के सभी आवश्यक परीक्षणों के अधीन किया गया था। इसके अलावा, क्षेत्र के एक दिग्गज का बेटा होने के नाते, उनसे बहुत सारी उम्मीदें हैं। जिन्हें पूरा करने के लिए उन्होंने हमेशा प्रयास किया है।उत्साही थिएटर प्रैक्टिशनर, आशीष का मानना है कि एक संस्थान किसी के व्यक्तित्व और परिप्रेक्ष्य को आकार देने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

उनका यह भी मत है कि सार्थक रंगमंच के लिए गहन अध्ययन और प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है जो अकादमिक प्रशिक्षण संस्थानों या गुरु शिष्य परंपरा के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है।लेकिन इसके लिए जुनून और दृढ़ विश्वास जो भी हो, उसे बरकरार रखना होगा।

उन्होंने बच्चों के साथ काम करने के कई प्रेरणादायक किस्सों का भी हवाला दिया। जिन्हें वे भविष्य के अभिनेता मानते हैं। जो आपको मासूमियत से सुनते हैं। इसके अलावा, बच्चों के साथ थिएटर करते हुए हम उनसे बहुत कुछ सीखते हैं। आशीष का दृढ़ विश्वास है कि यदि किसी को रंगमंच के क्षेत्र में कदम रखना है तो उसके पास एक स्पष्ट मकसद होना चाहिए। तभी वह सार्थक योगदान दे सकता है और उससे आत्म-समृद्धि निकाल सकता है।

उनका परिचय करवाते हुए नटरंग निदेशक पद्मश्री बलवंत ठाकुर ने बताया कि आशीष देव चरण का जन्म और पालन-पोषण राजस्थान में हुआ था।वह एक युवा थिएटर अभिनेता और निर्देशक हैं, जो 2004 से प्रख्यात थिएटर ग्रुप राममत से जुड़े हैं। उन्होंने कई नाटकों का निर्देशन किया हुआ है।

आशीष सक्रिय रूप से बच्चों के साथ काफी काम कर रहे हैं।उन्हें वर्ष 2015 में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक नाटक के रूप में प्रतिष्ठित टाइम्स ऑफ इंडिया पुरस्कार और 2021 में रंग-आनंद थिएटर पुरस्कार मिला है। अभिनेता आशीष ने थिएटर ओलंपिक, भारत रंग महोत्सव, कोरस थिएटर जैसे प्रतिष्ठित समारोहों में प्रदर्शन किया है।

कार्यक्रम के आयोजन में नीरज कांत, अनिल टिक्कू, सुमीत शर्मा, संजीव गुप्ता, विक्रांत शर्मा, मोहम्मद यासीन, बृजेश अवतार शर्मा, गौरी ठाकुर और चंद्र शेखर का विशेष योगदान रहा।

chat bot
आपका साथी