Jammu Kashmir: धर्मार्थ ट्रस्ट कर्मचारियों का 144 दिनों से जारी आंदोलन स्थगित, कुछ मांगे मान लेने पर लिया फैसला

जम्मू-कश्मीर धर्मार्थ ट्रस्ट काे श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड में विलय करने और धर्मार्थ ट्रस्ट कर्मचारियों की कुछ मांगों को लेकर 144 दिनों तक चला धर्मार्थ ट्रस्ट कर्मचारियों का आंदोलन वीरवार को स्थगित कर दिया गया।सहमति पत्र पर फैसले दोनों पक्षाें की सहमति से लिए गए हैं।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 06:35 PM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 06:35 PM (IST)
Jammu Kashmir: धर्मार्थ ट्रस्ट कर्मचारियों का 144 दिनों से जारी आंदोलन स्थगित, कुछ मांगे मान लेने पर लिया फैसला
धर्मार्थ ट्रस्ट का माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड में विलय करने की मांग को कोरोना को देखते हुए टाला गया

जम्मू, जागरण संवाददाता : जम्मू-कश्मीर धर्मार्थ ट्रस्ट काे श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड में विलय करने और धर्मार्थ ट्रस्ट कर्मचारियों की कुछ मांगों को लेकर 144 दिनों तक चला धर्मार्थ ट्रस्ट कर्मचारियों का आंदोलन वीरवार को स्थगित कर दिया गया। वीरवार को सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने के बाद श्री रणबीरेश्वर मंदिर परिसर में धरने, क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों ने आंदोलन स्थगित करने की घोषणा की।

धर्मार्थ ट्रस्ट इंप्लाइज एसोसिएशन की अध्यक्ष विवेक बंद्राल, कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र शास्त्री और दूसरे कर्मचारियों ने मीडिया के सामने कहा कि धर्मार्थ ट्रस्ट प्रबंधन सभी बर्खास्त कर्मचारियों काे बहाल करने के लिए मान गया है। पिछले सात वर्षों से धर्मार्थ ट्रस्ट कर्मचारियों को पक्का करने पर भी सहमति बन गई है। इसके अलावा कर्मचारियों की 20 अप्रैल से 20 प्रतिशत वेतन बढ़ाने की घोषणा की गई है। सहमति पत्र में यह भी साफ किया गया है कि धर्मार्थ ट्रस्ट आंदोलन करने वाले किसी भी कर्मचारी के साथ बदले की भावना से व्यवहार नहीं करेगा।

कर्मचारियों ने साफ किया कि धर्मार्थ ट्रस्ट का माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड में विलय करने की मांग को कोरोना को देखते हुए टाला गया है। अभी बहुत सी मांगे हैं, जिन पर धर्मार्थ ट्रस्ट ने अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है लेकिन कोरोना के चलते सभी के हितों को ध्यान में रखते हुए आंदोलन को स्थगित कर दिया गया है। अगर जल्द धर्मार्थ ट्रस्ट कर्मचारियों की सभी मांगे नहीं मानी गई तो कर्मचारी फिर से भी आंदोलन पर जा सकते हैं।वहीं धर्मार्थ ट्रस्ट के अध्यक्ष अजय गंडोत्रा ने पत्रकारों से बात करते हुए कर्मचारियों को श्रम कानून के तहत लाभ देने से इंकार किया।

वहीं धर्मार्थ ट्रस्ट का स्वतंत्र बोर्ड या इसे माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड में विलय करने की मांग पर उन्होंने कहा कि इन मांगों को सहमति पत्र में नहीं रखा गया है। उन्होंने साफ किया कि सहमति पत्र पर जो फैसले लिए गए हैं, दोनों पक्षाें की सहमति से लिए गए हैं। उन्होंने आंदोलन समाप्ति को दोनों पक्षाें के हित में बताते हुए कहा कि ट्रस्ट की मजबूती के लिए सभी मिल कर काम करेंगे। तभी सभी मंदिरों का विकास संभव है। गंडोत्रा ने जम्मू की जनता से भी अधिक से अधिक दान कर मंदिरों के विकास में सहयोग करने के लिए कहा।

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