Jammu Kashmir: इस साल 13 पुलिसकर्मियों समेत 14 सुरक्षाबलों ने ड्यूटी के दौरान शहादत पाई: डीजीपी दिलबाग सिंह
जम्मू-कश्मीर पुलिस प्रमुख ने बताया कि मैं शहीद इंस्पेक्टर मुहम्मद अशरफ के परिवार के सदस्यों से मिला। उनकी बेटी ने मुझे बताया कि वह अपने पिता के मिशन को जीवित रखना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति लाने के लिए पुलिस प्रतिबद्ध है।
श्रीनगर, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी के दौरान इस साल 13 पुलिसकर्मियों सहित 40 सुरक्षाबलों के जवानों ने शहादत पाई। कश्मीर में आतंकवाद की जड़ों को कमजोर करने में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अहम योगदान निभाया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान प्रदेश में शांति बहाल के साथ-साथ आतंकवाद का भी डटकर मुकाबला कर रहे हैं।
श्रीनगर के जेवन में पुलिस स्मृति दिवस को संबोधित करते हुए डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि कुल 6000 पुलिसकर्मियों ने आतंकवाद से लड़ते हुए अपनी जान दी। यही नहीं 1 सितंबर 2019 से 31 अक्टूबर 2020 तक उग्रवाद और अन्य हिंसा संबंधी घटनाओं में 13 पुलिसकर्मियों और 27 अन्य सुरक्षाबलों के जवान शहीद हुए। हाल ही में अनंतनाग के इंस्पेक्टर मुहम्मद अशरफ ने आतंकवाद की इस जंग में शहादत पाई है।
उन्होंने आज के दिन की महत्त पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पुलिस स्मृत्ति दिवस 21 अक्टूबर 1959 से मनाया जा रहा है। आज ही के दिन लद्दाख में चीनी सेना से लड़ते हुए सीआरपीएफ के दस जवानों ने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग की ओर से शहीदों के परिवारों को उचित मुआवजा दिया जा रहा है। शहीदों के परिजनों का मनोबल भी काफी अधिक है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस प्रमुख ने बताया कि मैं शहीद इंस्पेक्टर मुहम्मद अशरफ के परिवार के सदस्यों से मिला। उनकी बेटी ने मुझे बताया कि वह अपने पिता के मिशन को जीवित रखना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति लाने के लिए पुलिस प्रतिबद्ध है। हमारे जवान सभी मोर्चों पर पेशेवर के तौर पर काम कर रहे हैं। संबोधन से पूर्व डीजीपी ने आतंकवाद के खिलाफ जारी संघर्ष में शहादत देने वाले जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।