Jammu : नाम बदलने की राजनीति त्याग कर विकास होनी चाहिए प्राथमिकता

जनरल हाउस को गुमराह कर नाम बदलने की राजनीति नहीं होनी चाहिए। धर्म के नाम पर भटकाने का काम कॉरपोरेटरों को नहीं करना चाहिए। जनता ने विकास के लिए उन्हें चुनकर भेजा है। वार्डों में बेहतर विकास प्राथमिकता रहनी चाहिए।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 07:54 PM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 07:54 PM (IST)
Jammu : नाम बदलने की राजनीति त्याग कर विकास होनी चाहिए प्राथमिकता
नगर निगम में कांग्रेस के चीफ व्हिप द्वारका चौधरी सोमवार को गंग्याल अस्पताल का नाम बदलने पर आपत्ति जताई

जम्मू, जागरण संवाददाता : कॉरपोरेटर नगर निगम में शहर के विकास और जनहित के प्रस्ताव लाकर पारित करवाएं। जनरल हाउस को गुमराह कर नाम बदलने की राजनीति नहीं होनी चाहिए। धर्म के नाम पर भटकाने का काम कॉरपोरेटरों को नहीं करना चाहिए। जनता ने विकास के लिए उन्हें चुनकर भेजा है। वार्डों में बेहतर विकास प्राथमिकता रहनी चाहिए।

सोमवार को जम्मू में पत्रकारों को संबोधित करते हुए नगर निगम में कांग्रेस के चीफ व्हिप द्वारका चौधरी ने कहा कि शनिवार को हुई जनरल हाउस की बैठक में गंग्याल में एक अस्पताल का नाम बदलने का प्रस्ताव स्थानीय कॉरपोरेटर ने लाया। 

हाउस में सवाल उठाने के बावजूद उनका कहना था कि इस अस्पताल का कोई नाम नहीं है। लिहाजा हाउस को गुमराह करते हुए इसका नाम महाराजा प्रताप सिंह के नाम पर करने का प्रस्ताव पारित करवाया।उन्होंने इस प्रस्ताव की निंदा करते हुए यह अस्पताल पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर बना हुआ है। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी अस्पताल के नए भवन के निर्माण का कार्य यूपीए सरकार के समय शुरू हुआ था।

तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद, तत्कलीन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और तत्कलीन आवास मंत्री और गांधी नगर से विधायक रमन भल्ला ने 70 करोड़ की लागत से 100 बैड के इस राजीव गांधी अस्पताल के नए भवन की आधार शिला रखी थी। उन्होंने कहा कि यह गलत है कि हाउस को विस्तृत जानकारी दिए बिना किसी पुरानी इमारत, भवन, चौक का नाम बदल दिया जाए। उन्हाेंने कहा कि किसी इमारत का मरम्मत कार्य करवा लेने पर नाम नहीं बदला जा सकता। कुछ ऐसा ही भाजपा कर रही है जो गलत है। उन्होंने कहा कि एसएमजीएस अस्पताल में कई इमारतें बनीं। तो उनका भी नाम बदल दिया जाता।

वहीं कॉरपोरेटर रजनी बाला ने कहा कि हाउस में जो भी प्रस्ताव रखा जाए, वो स्पष्ट होना चाहिए। हर कॉरपोरेटर को दूसरे वार्ड की पूरी जानकारी नहीं हो सकती। लिहाजा पूरी चीजें स्पष्ट की जानी चाहिए। प्रस्ताव जनहित में होने चाहिए। यहां वाइन ट्रेडर्स की परेशानियों को उठाते हुए उन्हें थोड़ा समय देने की वकालत की गई। उन्होंने कहा कि जनरल हाउस में शहर के विकास के मुद्दे होने चाहिए। हर बार जनरल हाउस में चौकों, चौराहों के नाम बदलने को तरजीह दी जा रही है। उन्होंने रमजान माह के मद्देनजर मीट की दुकानें खोलने की रियायत देने के लिए भी निगम व प्रशासन का आभार जताया। इस मौके पर कॉरपोरेटर भानू महाजन, सौबत अली, राजेंद्र सिंह जम्वाल, शमा अख्तर, सुच्चा सिंह भी मौजूद थे।

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