Jammu Farmers: बासमती धान के दाम में तेजी के बावजूद किसान मायूस, जानिए क्या है इसकी वजह

दाम में तेजी के रुख को लेकर भी किसानों के चेहरों पर खुशी नहीं है क्योंकि पिछले समय में हुई ओलावृष्टि के कारण आरएस पुरा बेल्ट की बासमती धान की फसल बुरी तरह से प्रभावित हुई और उत्पादन 50 से 70 प्रतिशत तक गिर गया।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 04:52 PM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 04:52 PM (IST)
Jammu Farmers: बासमती धान के दाम में तेजी के बावजूद किसान मायूस, जानिए क्या है इसकी वजह
हल्की पड़ी बासमती धान के दाम कम है। लेकिन यहां जाना अच्छा है, वहां दाम भी ठीक हैं।

जम्मू, जागरण संवाददाता। इस सीजन कम पैदावार के चलते बासमती धान के शुरुआती में तेजी रही। प्रति क्विंटल बासमती धान के लिए किसानों को 4200 से 4500 रुपये प्राप्त हो रहे हैं जोकि पिछले साल 3000 से 3500 रुपये थे। ऐसी संभावना है कि आने वाले समय में दाम में और उछाल आएगा।

दाम में तेजी के रुख को लेकर भी किसानों के चेहरों पर खुशी नहीं है क्योंकि पिछले समय में हुई ओलावृष्टि के कारण आरएस पुरा बेल्ट की बासमती धान की फसल बुरी तरह से प्रभावित हुई और उत्पादन 50 से 70 प्रतिशत तक गिर गया। अब ऐसे चंद ही किसान हैं जिनकी फसल काफी हद तक नुकसान से बची रही। अधिकांश किसानों को मौसम की जबरदस्त मार सहन करनी पड़ी।

हालांकि हल्की पड़ी बासमती धान के दाम कम है। लेकिन यहां जाना अच्छा है, वहां दाम भी ठीक हैं। मगर किसानों के चेहरों पर रौनक नही है। किसानों का कहना है कि जिस किसान की आधी फसल बर्बाद हो चुकी हो, उसे यह ऊंचे दाम राहत नही पहुंचा सकते। सौहाजना के किसान भूषण कुमार ने बताया कि हर साल उनको 150 क्विंटल धान अपने खेतों में आती है। इस बार आधी भी नही आ पाएगी।

वहीं अरनिया के किसान महेश सिंह का कहना है कि बासमती अधिकांश किसानों के घर पर बासमती नही है। थोड़ी बहुत बासमती है और किसानों को नुकसान ही है। इस बार बासमती उगाने के लिए किसानों को दोहरा खर्च करना पड़ा। कोरोना के कारण कम कृषि मजदूर ही आ पाए और ऐसे में मजदूरी और महंगी हो गई। वहीं दूसरी ओर ओलावृष्टि ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया। ऐसे में जो थोड़ी बहुत बासमती किसानों के पास है। कम उत्पादन के कारण ही तो इस बार दाम तेज हैं। लेकिन इसका किसानों को लाभ नही है क्योंकि उसके पास माल ही नही है।

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