सीमावर्ती गांवों के लोगों ने बासपुर में मांगा नियाबत

सीमावर्ती दर्जनों गांवों के लोगों को राजस्व संबंधी काम के लिए कई किलोमीटर का सफर तय करने को मजबूर होना पड़ता है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Mar 2021 07:47 AM (IST) Updated:Fri, 05 Mar 2021 07:47 AM (IST)
सीमावर्ती गांवों के लोगों ने बासपुर में मांगा नियाबत
सीमावर्ती गांवों के लोगों ने बासपुर में मांगा नियाबत

संवाद सहयोगी, आरएसपुरा : सीमावर्ती दर्जनों गांवों के लोगों को राजस्व संबंधी काम के लिए कई किलोमीटर का सफर तय करने को मजबूर होना पड़ता है। तहसील कार्यालय दूर होने से सीमावर्ती गांव के लोगों को काफी परेशानी हो रही है। इन गांव के लोगों ने गांव बासपुर में ही नियाबत बनाने की मांग प्रशासन से की है, ताकि राजस्व संबंधी काम करवाने के लिए उनका पूरा दिन बर्बाद न हो।

गांव अब्दुल्लियां, चंदू चक, लाइयां, बेगा, बेरा, रायपुर, बासपुर आदि गांव के लोगों को अपने राजस्व संबंधी काम के लिए गांव चकरोई स्थित तहसील कार्यालय जाना पड़ता है। इन सीमावर्ती गांव के लोगों का कहना है कि सरकार अगर गांव बासपुर में एक नियाबत बना दे तो उनकी बहुत बड़ी समस्या दूर हो जाएगी। गांव चंदू चक निवासी सुरजीत सिंह का कहना है कि उनका गांव तहसील सुचेतगढ़ के अधीन आता है और तहसील कार्यालय चकरोई में है। ऐसे में राजस्व काम करवाने के लिए उनको कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। उसके बाद भी एक बार में कभी काम नहीं होता है। ऐसे में उनको कई चक्कर काटने पड़ते हैं और उसके बाद कहीं जाकर उनके काम होते हैं। अगर सरकार उनके पास के गांव में नियाबत स्थापित कर देती है तो उनको अपने कई राजस्व काम करवाने में आसानी हो सकती है। उनका समय भी बच सकता है।

गांव रायपुर निवासी शाम लाल का कहना है कि तहसील कार्यालय का सफर इतना है कि उनको काफी समय लगता है। बार-बार चक्कर लगाने पड़ते हैं। प्रशासन और सरकार को इन ग्रामीणों की समस्याओं को समझना चाहिए।

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