Jammu: सराफा एसोसिएशन की मांग बीआइएस अधिनियम में संशोधन हो, पंजीकरण-ब्रांडिंग के लिए भी समय मांगा
आभूषण विक्रेताओं को पंजीकृत करने और ब्रांडिंग प्रक्रिया के लिए कुछ समय चाहिए। कोरोना महामारी में यह काम सुस्त पड़ गया था। प्रदेश के 20 जिलों में केवल दो जिलों में ही आभूषण परीक्षण प्रयोगशालाएं और हॉलमार्किग कार्यालय हैं।
जागरण संवाददाता, जम्मू : सिर्फ हॉलमार्क वाले सोने के आभूषण बेचना सुनिश्चित करने की दिशा में जम्मू संभाग के सराफा एसोसिएशन ने सकारात्मक पहल शुरू की है। एसोसिएशन ने भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देश का पालन करने का निर्णय लिया है, लेकिन केंद्र सरकार से मांग किया है कि जौहरियों के हित को देखते हुए बीआइएस अधिनियम में कुछ संशोधन किया जाए। साथ ही यह भी मांग की है से ज्वेलर्स को पंजीकृत कराने और ब्रांडिंग प्रक्रिया शुरू करने के लिए कुछ सप्ताह की मोहलत दी जाए।
जम्मू संभाग के सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष रमन सूरी के नेतृत्व में वरिष्ठ उपाध्यक्ष राकेश महाजन, उपाध्यक्ष दीपक जैन, महासचिव विजय कुमार वर्मा, सचिव सुमित हांडा, कोषाध्यक्ष सु¨रदर कुमार जैन, सलाहकार विजय सराफ, अजय टल्ला, दर्शन लाल ढल्ला, संजय जैन, चमन लाल खजूरिया, राजेश साहनी और कार्यकारी सदस्य अंकुर सूरी, अमन जैन, जुगल किशोर बब्बर, विशाल जैन और राजीव जैन ने बीआइएस प्रमुख आरसी दास से बड़ी ब्राह्मणा कार्यालय में मुलाकात की।
उन्होंने उन्हें प्रदेश में जौहरियों के सामने आने वाली परेशानी से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि वे स्वेच्छा से सोने की शुद्धता प्रमाणन के लिए आगे आ रहे हैं, लेकिन उन्हें आभूषण विक्रेताओं को पंजीकृत करने और ब्रांडिंग प्रक्रिया के लिए कुछ समय चाहिए। कोरोना महामारी में यह काम सुस्त पड़ गया था। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश के 20 जिलों में केवल दो जिलों में ही आभूषण परीक्षण प्रयोगशालाएं और हॉलमार्किग कार्यालय हैं।
कंप्यूटर और तकनीकी ज्ञान की कमी भी आदेशों को तुरंत लागू करने में बड़ी बाधा है। रमन सूरी ने कहा कि जम्मू कश्मीर में कई ज्वेलर्स पहले ही हॉलमार्क आभूषण बेच रहे हैं और बाकी भी जल्द ही सरकारी मानदंडों का पालन करेंगे। इसके लिए सभी जिलों में नए हॉलमार्किंग केंद्र स्थापित करना जरूरी है। बीआइएस के अधिकारियों ने सराफा एसोसिएशन को आश्वासन दिया कि हॉलमार्किग केंद्र स्थापित करने या आभूषण प्रमाणित करने और ज्वेलर्स को नए मानकों को अपनाने के उनके प्रयास में हरसंभव सहयोग दिया जाएगा।