कश्मीर में फिर घातक स्टील बुलेट का इस्तेमाल, वर्ष 2016 में पहली बार इस आतंकी संगठन ने किया था इसका इस्तेमाल

सोपोर में शनिवार को हुए हमले में आतंकियों ने फिर स्टील बुलेट का इस्तेमाल किया है। कश्मीर में आतंकी कई बार इसका इस्तेमाल कर चुके हैं। इस बुलेट को बेहद घातक माना जाता है।जैश-ए-मोहम्मद ने अगस्त 2016 में पुलवामा में सुरक्षाबलों के एक शिविर पर हमले में किया था।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 08:45 AM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 09:13 AM (IST)
कश्मीर में फिर घातक स्टील बुलेट का इस्तेमाल, वर्ष 2016 में पहली बार इस आतंकी संगठन ने किया था इसका इस्तेमाल
यह छह से सात इंच मोटी स्टील की चादर या बुलेट प्रूफ को भी आसानी से भेद सकती है।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : सोपोर में शनिवार को हुए हमले में आतंकियों ने फिर स्टील बुलेट का इस्तेमाल किया है। कश्मीर में आतंकी कई बार इसका इस्तेमाल कर चुके हैं। इस बुलेट को बेहद घातक माना जाता है। सबसे पहले स्टील बुलेट का इस्तेमाल जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने अगस्त 2016 में पुलवामा में सुरक्षाबलों के एक शिविर पर हमले में किया था।

पाकिस्तान से आतंकियों के पास पहुंचती है यह बुलेट

इसके बाद 31 दिसंबर 2017 की रात को लेथपोरा, पुलवामा में सीआरपीएफ के कैंप पर आत्मघाती हमले में शामिल आतंकियों ने भी स्टील बुलेट का इस्तेमाल किया था। जून 2019 में अनंतनाग में भी आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर हमले में स्टील बुलेट का ही इस्तेमाल किया था। इसी साल मार्च में शोपिया में मारे गए जैश आतंकी सज्जाद के पास से भी स्टील बुलेट मिली थी।

क्यों घातक है स्टील बुलेट 

सामान्य तौर पर एके-47 में या फिर किसी अन्य राइफल में इस्तेमाल होने वाली गोली का अगला हिस्सा तांबे का बना होता है, जो बुलेट प्रूफ स्टील या कांच के कवच को नहीं भेद सकता। स्टील बुलेट एक खास तरह के मजबूत स्टील से तैयार होती है। यह छह से सात इंच मोटी स्टील की चादर या बुलेट प्रूफ को भी आसानी से भेद सकती है।

कश्मीर में आतंकियों के पास यह स्टील बुलेट पाकिस्तान से पहुंचती है और पाकिस्तान को चीन ने इनकी टैक्नोलाजी दी है। स्टील बुलेट को स्विस आर्मी के कर्नल एडवर्ड रुबिन ने 1982 में बनाया था, जबकि इनका इस्तेमाल 1886 में फ्रांस में विद्रोहियात के खिलाफ हुआ था।

बीते एक साल के दौरान सोपोर में हुए बड़े हमले 

18 अप्रैल 2020 : सोपोर में सुरक्षाबलों की नाका पार्टी पर आतंकी हमला। तीन सीआरपीएफ कर्मी शहीद व तीन अन्य घायल।

1 जुलाई 2020 : सोपोर में मस्जिद में छिपे आतंकियों ने सड़क पर खड़े सीआरपीएफ के जवानों पर हमला किया। इसमें एक नागरिक की मौत व एक सीआरपीएफकर्मी शहीद हुआ।

29 अप्रैल 2021 : सोपोर में आतंकियों ने म्यूनिसिपल कमेटी के कार्यालय पर हमला किया। हमले में दो काउंसलर की मौत और एक पुलिसकर्मी शहीद।

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