Jammu Kashmir: डीसी अनंतनाग का आदेश- प्रिंसिपल करें डाक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ की हाजिरी की निगरानी

राजकीय मेडिकल कॉलेज अनतंनाग में डयूटी के समय कुछ डाक्टरों के गैरहाजिर रहने की शिकायतों को डिप्टी कमिश्नर अनतंनाग ने गंभीरता से लिया है। डिप्टी कमिश्नर अनंतनाग डा. पीयूष सिंगला ने कालेज के प्रिंसिपल को निर्देश दिए हैं कि वे सभी डाक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की हाजिरी की निगरानी करें।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 06:39 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 06:44 PM (IST)
Jammu Kashmir: डीसी अनंतनाग का आदेश- प्रिंसिपल करें डाक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ की हाजिरी की निगरानी
डिप्टी कमिश्नर अनंतनाग डा. पीयूष सिंगला ने कहा कि डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ रोस्टर के लिहाज से ही डयूटी दें।

जम्मू, राज्य ब्यूरो । राजकीय मेडिकल कॉलेज अनतंनाग में डयूटी के समय कुछ डाक्टरों के गैरहाजिर रहने की शिकायतों को डिप्टी कमिश्नर अनतंनाग ने गंभीरता से लिया है। डिप्टी कमिश्नर अनंतनाग डा. पीयूष सिंगला ने कालेज के प्रिंसिपल को निर्देश दिए हैं कि वे सभी डाक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की हाजिरी की निगरानी करें।

यही नहीं उन्होंने यह भी सुनिश्चित बनाने को कहा कि डाक्टर और पैरा कश्मीर में अभी तक किसी भी मरीज की ब्लैक फंगस से मौत नहीं हुई है। जम्मू संभाग में ही इससे पीड़ित अधिक लोग है। राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू के अलावा मेडिकल कालेज श्रीनगर और शेर-ए-कश्मीर इंस्टीटयूट आफ मेडिकल सांइसेस में इन मरीजों का इलाज चल रहा है। मेडिकल स्टाफ रोस्टर के लिहाज से ही डयूटी दें। उन्होंने नियमित तौर पर स्टाफ की हाजिरी उनके कार्यालय में भी भेजने को कहा।

इस दौरान डिप्टी कमिश्नर के निर्देशों पर एडिशनल डिप्टी कमिश्नर गुलाम हसन शेख की अध्यक्षता में एक टीम भी जीएमसी अनतंनाग पहुंची। इस टीम में तहसीलदार अनतंनाग भी थे। टीम ने स्टाफ की हाजिरी की जांच की। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि डाक्टरों को अपनी डयूटी नियमित तौर पर देने की जरूरत है। कोरोना महामारी के दौरान तो मरीजों को उनकी और सख्त जरूरत है। 

इसी बीच केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में कोरोना संक्रमण के मामले कम हो रहे हैं। वहीं प्रदेश में ब्लैक फंगस के मामले बढ़ने से प्रदेश सरकार और प्रशासन की चिंता बढ़ना शुरू हो गई है। प्रदेश में अभी तक 19 मरीजों में ब्लैक फंगस मामलों की पुष्टि हो चुकी है। पांच मरीजों की इससे मौत हो चुकी है।

वहीं ब्लैक फंगस के मामले बढ़ रहे हैं। अब तक 19 मरीजों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हो चुकी है जबकि दस मरीज अभी संदिग्ध हैं। यही पांच मरीजों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में ब्लैक फंगस का पहला मामला गत 20 मई को दर्ज हुआ था। इसके उपरांत पुंछ के रहने वाले इस मरीज की ब्लैक फंगस की वजह से मौत हो गई थी।

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