कोरोना की मार से दिहाड़ीदार परेशान

संवाद सहयोगी मीरां साहिब क्षेत्र में बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक लोगों के घरों में राजमिस्˜

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 06:51 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 06:51 PM (IST)
कोरोना की मार से दिहाड़ीदार परेशान
कोरोना की मार से दिहाड़ीदार परेशान

संवाद सहयोगी, मीरां साहिब : क्षेत्र में बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक लोगों के घरों में राजमिस्त्री और लेबर का काम कर अपनी रोजी-रोटी चलाते हैं मगर इन दिनों लॉकडाउन और कोरोना वायरस की मार के चलते उन्हें काम नहीं मिल रहा। इसके साथ ही कई प्रवासी श्रमिक तो अपने-अपने प्रदेश में भी लौट चुके हैं। जो रह गए हैं उनको भी काम ना मिलने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रवासी श्रमिकों ने प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि उनकी भी सुध ली जाए और उन्हें फ्री में राशन उपलब्ध कराने के साथ-साथ कोई आर्थिक मदद भी की जाए ताकि उनका गुजारा चल सके।

कस्बे स्थित शहीद भगत सिंह पार्क में काम की तलाश में बैठे हुए प्रवासी श्रमिक राजा मंडल, मोहन कुमार, राजा कुमार, सोनू कुमार व महिद्र कुमार आदि ने बताया कि क्षेत्र में इस समय अधिकतर उनके साथी काम ना मिलने के कारण अपने-अपने प्रदेश, चाहे वो बिहार हो या मध्यप्रदेश हो, लौट चुके हैं। हर रोज क्षेत्र से एक बस प्रवासी श्रमिकों से भरी हुई उनके प्रदेशों की ओर जाती है, जिसके पास बकायदा परमिशन होती है। उनका कहना है कि पहले उन्हें अच्छा खासा काम मिल जाता था मगर जब से कोरोना के मामले क्षेत्र में बढ़े हैं और लॉकडाउन चल रहा है, अब लोग अपने-अपने घर में काम भी कम करवा रहे हैं। लोगों को डर रहता है कि कहीं कोई कोरोना संक्रमित उनके घर में काम के लिए ना आ जाए जिसके चलते उन्हें भी परेशानी का सामना करना पड़े। इसी तरह सोम मंडल, राजू कुमार, कैलाश कुमार, अशोक मंडल आदि का कहना है कि उनके बहुत कम साथी ही अब क्षेत्र में रह गए हैं। उन्हें काम भी नहीं मिल रहा, लिहाजा उनकी प्रशासन से अपील है कि उन्हें फ्री में राशन वितरित करने के साथ-साथ उन्हें आर्थिक मदद भी दी जाए ताकि उनकी गुजर बसर हो सके। प्रवासी श्रमिकों का कहना है कि पिछले साल जब लॉकडाउन लगा था तो क्षेत्र से कई लोग राशन वितरित करने के लिए आगे आए थे। मगर अभी तक वायरस के चलते कोई भी सामने नहीं आया है। अधिकतर लोग अपने-अपने घरों में ही दुबक कर बैठे हुए हैं। प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए और प्रवासी श्रमिकों की सुध लेनी चाहिए ताकि जो श्रमिक वर्ग हैं उनके साथ इंसाफ हो सके।

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