क्रिकेटर रैना अब जम्मू-कश्मीर के युवाओं का भविष्य संवारेंगे

सुरेश रैना ने पिछले करीब एक सप्ताह से भी ज्यादा समय कश्मीर की हसीन वादियों में गुजारा जबकि शनिवार को वापसी से पहले उन्होंने रियासी जिला के कटड़ा स्थित विश्व प्रसिद्ध माँ वैष्णों देवी के दरबार में हाजिरी लगाई

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 11:06 AM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 11:06 AM (IST)
क्रिकेटर रैना अब जम्मू-कश्मीर के युवाओं का भविष्य संवारेंगे
सुरेश रैना ने ज्यादा समय कश्मीर की हसीन वादियों में गुजारा

जम्मू, जेएनएन । टीम इंडिया के पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर सुरेश रैना अब समाज सेवा की राह पर आगे बढ़ते हुए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का भविष्य संवारना चाहते हैं।

सुरेश रैना ने पिछले करीब एक सप्ताह से भी ज्यादा समय कश्मीर की हसीन वादियों में गुजारा जबकि शनिवार को वापसी से पहले उन्होंने रियासी जिला के कटड़ा स्थित विश्व प्रसिद्ध माँ वैष्णों देवी के दरबार में हाजिरी लगाई और जाते-जाते सांबा जिला के रामगढ में स्थित रैना बिरादरी की कुलदेवी के दर्शन भी किए। रामगढ़ के रजवाल में स्थित कुलदेवी के दर्शनों के उपरांत वहां पर प्रशंसकों की काफी भीड़ जमा हो गई। उन्होंने भी युवाओं को नाराज नहीं किया और उनके साथ खूब सेल्फी भी खिंचवाई। हालांकि इस दौरान उन्होंने सभी से शारीरिक दूरी बनाए रखने की भी नसीहत दी। उन्होंने बताया कि उनका परिवार जम्मू-कश्मीर से है यही वजह है कि हर वर्ष जब कभी भी उनके परिजनों काे मौका मिलता तो वे बिरादरी के इस कुलदेवी के मंदिर में दर्शनों के लिए आते रहते थे लेकिन आज उनका पहली बार यहां आना हुआ है। उन्होंने युवाओं को बताया कि उनकी योजना जम्मू और कश्मीर संभाग में प्रतिभाशाली क्रिकेटरों के लिए पांच-पांच क्रिकेट एकेडमी खोलना है ताकि प्रदेश के क्रिकेटर राष्ट्रीय और फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा के दम पर पहचान बना सकें।

गौरतलब है कि गत सप्ताह कश्मीर के अनंतनाग जिला में अनंतनाग पुलिस द्वारा पहली बार महिलाओं के लिए आयोजित क्रिकेट प्रतियोगिता में उन्हें खिलाड़ियों का हौंसला बढ़ाने के लिए विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। इस दौरान सुरेश रैना ने प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से श्रीनगर स्थित राजभवन में मुलाकात भी की थी। उन्होंने कश्मीर में स्थानीय खिलाड़ियों को क्रिकेट के टिप्स भी दिए थे। अनंतनाग में स्थित मट्टन सूर्य मंदिर के भी उन्होंने दर्शन किए थे और मंदिर के साथ सटे गुरुद्वारा भी माथा भी टेका था।

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