Jammu : कर्मचारियों का पुराना भुगतान न करने पर डीसी जम्मू को नेशनल गैराज की संपत्ति अटैच करने के निर्देश

कंपनी के तीन डायरेक्टर है चंद्र प्रकाश गुलाटी संदीप गुलाटी व शैलेंद्र गुलाटी। ऐसे में कंपनी की जो भी देनदारी है उसके लिए केवल एक डायरेक्टर से तकाजा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि चंद्र गुलाटी ने यह बात श्रम आयुक्त के सामने भी रखी थी।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 09:43 AM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 09:43 AM (IST)
Jammu : कर्मचारियों का पुराना भुगतान न करने पर डीसी जम्मू को नेशनल गैराज की संपत्ति अटैच करने के निर्देश
कर्मचारियों ने अपने पुराने भुगतान की मांग को लेकर श्रम विभाग में याचिका दायर की थी

जम्मू, जेएनएफ : चीफ जूडिशियल मजिस्ट्रेट जम्मू ने जम्मू के डिप्टी कमिश्नर को मैसर्स सीएम गुलाटी एंड संस लिमिटेड के नेशनल गैराज की गंग्याल स्थित संपत्ति को अटैच करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने 1 करोड़ 18 लाख 18 हजार 53 रुपये 31 पैसे की संपत्ति अटैच करने का निर्देश दिया है। यह राशि श्रम आयुक्त ने नेशनल गैराज के कर्मचारियों के वेतन व अन्य भुगतान की ऐवज में तय की गई थी। यह राशि तय किए जाने के दो साल बाद भी भुगतान न होने पर कोर्ट ने नेशनल गैराज की इतने मूल्य की संपत्ति अटैच करने का निर्देश दिया है।

नेशनल गैराज की ओर से पेश हुए वकील ने दलील दी कि श्रम आयुक्त ने कंपनी के मालिक चंद्र किशोर गुलाटी को यह राशि देने का निर्देश दिया था। उन्होंने कहा कि चंद्र गुलाटी मैसर्स सीएल गुलाटी एंड संस लिमिटेड कंपनी के एक डायरेक्टर है। नेशनल गैराज कंपनी एक्ट के तहत पंजीकृ़त है और जब से कंपनी स्थापित हुई है, तब से सभी बैंक लेनदेन नेशनल गैराज के नाम से होते है।

कंपनी के तीन डायरेक्टर है, चंद्र प्रकाश गुलाटी, संदीप गुलाटी व शैलेंद्र गुलाटी। ऐसे में कंपनी की जो भी देनदारी है, उसके लिए केवल एक डायरेक्टर से तकाजा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि चंद्र गुलाटी ने यह बात श्रम आयुक्त के सामने भी रखी थी। उन्होंने स्वीकार किया कि याची कंपनी के कर्मचारी है लेकिन कंपनी की देनदारी के लिए केवल एक डायरेक्टर को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।

नेशनल गैराज के गंग्याल व बीसी रोड स्थित शोरूम व वर्कशाप में काम करने वाले 93 कर्मचारियों ने अपने पुराने भुगतान की मांग को लेकर श्रम विभाग में याचिका दायर की थी और विभाग ने कर्मचारियों के हक में फैसला सुनाते हुए उक्त राशि तय की थी। कोर्ट ने पाया कि दो साल बाद भी कर्मचारियों का भुगतान नहीं हुआ है। ऐसे में कंपनी के एक डायरेक्टर पर कार्रवाई करने से बेहतर है कि कंपनी की संपत्ति अटैच की जाए। लिहाजा कोर्ट ने डीसी जम्मू को नेशनल गैराज की संपत्ति अटैच करने का निर्देश दिया।

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