Jammu Kashmir: एनडीपीसी एक्ट के तहत गिरफ्तार आरोपित की जमानत अर्जी खारिज, कोर्ट ने इसे संगीन मामला बताया
कठुआ के अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने एनडीपीएस एक्ट के तहत गिरफ्तार आरोपित परवेज मुशरफ अली की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। आरोपित को बिलावर पुलिस ने 250 ग्राम चरस के साथ गिरफ्तार किया था।कोर्ट ने कहा कि इस मामले की जांच भी अभी प्रारंभिक दौर में है।
जम्मू, जेएनएफ। कठुआ के अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने एनडीपीएस एक्ट के तहत गिरफ्तार आरोपित परवेज मुशरफ अली की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। आरोपित को बिलावर पुलिस ने 250 ग्राम चरस के साथ गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने जमानत अर्जी को खारिज करते हुए कहा कि आरोपित को मादक पदार्थों की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है जोकि एक संगीन मामला है।
कोर्ट ने पाया कि नशे का कारोबार तेजी से अपनी जड़े फैला रहा है, ऐसे में जरूरी है कि इस गौरख धंधे में संलिप्त लोगों के साथ सख्ती से निपटा जाए। कोर्ट ने कहा कि इस मामले की जांच भी अभी प्रारंभिक दौर में है, लिहाजा ऐसे समय में आरोपित को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता।
आरपीएफ कैट के क्षेत्राधिकार में नहीं आता
सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) ने रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) कर्मचारियों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करने से इंकार करते हुए कहा है कि आरपीएफ कैट के क्षेत्राधिकार में नहीं आता। आरपीएफ के हैड कांस्टेबल अब्दुल मजीद भट्ट व मुश्ताक अहमद सोफी ने आरपीएफ नार्दन रेलवे नई दिल्ली के प्रिंसिपल चीफ सिक्योरिटी कमिश्नर की ओर से 15 मार्च 2021 को जारी तबादला आदेश को चुनौती दी थी जिसमें दोनों याचिकाकर्ताओं का कश्मीर घाटी से लखनऊ डिवीजन में तबादला किया गया था।
याचिकाकर्ताओं के अनुसार दोनों 1995 में आरपीएफ में भर्ती हुए थे और पदोन्नत होकर हैड कांस्टेबल बने। दोनों का आरोप था कि नियमों को ताक पर रखकर उनका तबादला किया गया है, लिहाजा आदेश को खारिज किया जाए लेकिन कैट ने स्पष्ट किया कि आरपीएफ उसके क्षेत्राधिकार में नहीं आता।