Coronavirus In Jammu Kashmir: श्रीनगर डीआरडीओ अस्पताल को तीन साल तक मिल सकता है विस्तार

डा. परा ने बताया कि आक्सीजन की आपूॢत के लिए 56 किलो लीटर का एक टैंक है। सात किलो लीटर एक टैंक किसी भी आपात स्थिति के लिए अलग से रखा है। अस्पताल में लेेबोरेटरी एक्स-रे सिटी स्कैन समेत सभी तमाम सुविधाएं है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 09:28 AM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 09:28 AM (IST)
Coronavirus In Jammu Kashmir: श्रीनगर डीआरडीओ अस्पताल को तीन साल तक मिल सकता है विस्तार
आइसीयू के लिए 125 बिस्तरों की सुविधा है।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : कोविड 19 की दूसरी लहर बेशक थमती नजर आ रही है, लेकिन रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) का खुनमोह में कोविड अस्पताल बंद नहीं होगा। वह अगले एक साल तक क्रियाशील रहेगा। आवश्यकतानुसार इसे तीन साल तक विस्तार दिया जा सकता है।

गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर सरकार के आग्रह पर ही केंद्रीय गृहमंत्रालय के हस्ताक्षेप के आधार पर डीआरडीओ ने प्रदेश में 500-500 बिस्तरों के दो कोविड अस्पताल तैयार किए हैं। एक अस्पताल जम्मू के भगवती नगर और दूसरा यहां श्रीनगर के खुनमोह में बनाया गया है।

अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डा अब्दुल रशीद परा ने बताया कि यह कोविड अस्पताल एक साल तक ही क्रियाशील रहेगा। हां, अगर प्रशासन चाहे तो वह इसे तीन साल के लिए आगे विस्तार दे सकता है और वह भी कोरोना संक्रमण से पैदा हालात की समीक्षा के आधार पर। अस्पताल में कोविड मरीजों के लिए सभी आवश्यक चिकित्सा सुविधांए और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई हैं। इस अस्पताल में आक्सीजन गैस की सुविधा वाले 510 बिस्तरों में से 10 बिस्तर ट्राएज के लिए हैं।

आइसीयू के लिए 125 बिस्तरों की सुविधा है। शेष 375 बिस्तर विभिन्न वार्डोंं में उपलब्ध कराए जाने हैं। पीपीई प्रोटोकाल अपनाने के लिए अस्पताल में एक अलग से क्षेत्र निर्धारित किया है। डाक्टरों के लिए अस्पताल परिसर में 24 घंटे क्रियाशील रहने वाली कैंटीन सुविधा भी है। अस्पताल में कभी भी लिक्विड मेडिकल आक्सीजन का संकट न बने इसलिए हरियाणा से निरंतर लिक्विड आक्सीजन की अर्पित होती रहेगी। यह आक्सीजन टैंकरों के जरिए आएगी।

डा. परा ने बताया कि आक्सीजन की अर्पित के लिए 56 किलो लीटर का एक टैंक है। सात किलो लीटर एक टैंक किसी भी आपात स्थिति के लिए अलग से रखा है। अस्पताल में लेेबोरेटरी, एक्स-रे, सिटी स्कैन समेत सभी तमाम सुविधाएं है। शिशु रोग उपचार, मेडिसन और एनेस्थेसिया विभाग मिलकर अस्पताल में मरीजों की भर्ती का प्रोटोकाल तय करेंगे। इन विभागों के डाक्टरों की संयुक्त टीम जल्द रिपोर्ट जीएमसी के प्रिंसिपल को सौंपेंगी। डीआरडीओ अस्पताल में उन मरीजों को भर्ती करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है,जिनकी शल्य चिकित्सा होनी है। अस्पताल में कोई आपरेशन थियेटर नहीं है। 

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