Coronavirus Effect In Jammu: आक्सीजन सिलेंडर में लगने वाला आक्सीफ्लों मीटर- नेजल पाइप ब्लैक में
कंस्ट्रेटर इन दिनों इसकी कीमत ब्लैक में 60 से 90 हजार के बीच है। फिंगर आक्सीमीटर खरीदना हो तो बाजार में इसकी कीमत 1000 से 1500 के बीच में है लेकिन ब्लैक में यह 3500 से 4000 रूपये में बिक रहा है।
जम्मू, अवधेश चौहान: कोरोना काल में लगातार संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच जम्मू शहर में आक्सीजन कंस्ट्रेटर, आक्सीजन फ्लों मीटर,आक्सीजन नेजल पाइप कहने को तो बाजारों से गायब हैं, लेकिन ब्लैक में यह जीवन रक्षक सामान आसानी से मिल रहा है।इसके लिए आपकों अपनी जेब ढीली करनी पड़ रही है।
जम्मू में स्थानीय खुदरा और थोक बाजार में यह सामान नही हैं।लेकिन अपने मरीज की जान खतरे में पड़े होने पर अगर हाथ पैर मारे जाए तो कुछ दुकानदार आपकों सामान तो नही देंगे, लेकिन यह नसीहत जरूर दे देंगे कि हमारे पास तो है नही, लेकिन मेरी नजर में एक व्यक्ति है, जो आपकी मदद कर सकता है।थोड़ी सा मंहगा रेट में मिलेगा। कहां तो मैं बात करूं। जीवन रक्षक उपकरण बेचने का यह तरीकाकार मंदिरों के शहर जम्मू में इन दिनों में आम देखने को मिल रहा है।
अपनी दास्तां ब्यां करते हुए जम्मू के त्रिकुटा नगर के रहने वाले रमेश कुमार ने बताया कि उनके पिता कोरोना संक्रमण से ग्रस्त हो गए।उनके शरीर में आक्सीजन स्तर को देखते हुए सरकार की निगेहबानी में आक्सीजन सिलेंडर तो मिल गया।लेकिन आक्सीजन सिलेंडर में लगने वाला आक्सीजन फ्लों मीटर और नेजल पाइप खरीदना मुश्किल हो गया। रमेश बताते है कि जम्मू में कैमिस्ट दुकानों और होलसेल के दुकानदारों से पूछा तो उन्होंने बताया कि उनकी पहचान का एक व्यक्ति है, उसके पास दोनो उपकरण मिल जाएंगे। आप कहों तो मैं बात करता हूं।
बात हुई तो 1200 रुपये में बिकने वाला आक्सीफ्लाें मीटर 4 हजार में और नेजल पाइप 500 रुपये में मिली। कुल मिला कर देखा जाए तो दुकानदारों ने भी आगे अपने एजेंट आउट सोर्स किए है। इतना ही नही कंस्ट्रेटर जो पहले 20 से 25 हजार रुपये में आसानी से बाजार से मिल जाता था, इन दिनों इसकी कीमत ब्लैक में 60 से 90 हजार के बीच है। फिंगर आक्सीमीटर खरीदना हो तो बाजार में इसकी कीमत 1000 से 1500 के बीच में है, लेकिन ब्लैक में यह 3500 से 4000 रूपये में बिक रहा है।
यहां तक कि कुछ लोगों ने पहले से कोरोना की भयावह तस्वीर को देखते हुए आक्सीजन के खाली सिलेंडर तक घरों में खरीद कर रख लिए है।जरूरत पड़ी तो ठीक है नही तो बाद में बेच देंगे।इससे इधर उधर भागना तो नही पड़ेगा।
इस बारे में जब ड्रग कंट्रोलर लोतिका खजूरिया का कहना है कि उनके संज्ञान में ऐसी कोई जानकारी नही है। यहां तक रहा आक्सीजन सिलेंडर के साथ लगने वाले आक्सीफ्लों की बात वह लीगल मीट्राेंलॉजि विभाग के अंडर आती है। इस बारे में जब लीगल मीट्राेंलॉजि विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर मनोज प्रभाकर से बात की तो उनका कहना है कि बाजार पर हमने नजर रखी हुई है।अगर ऐसी बात है तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।