Corona Warriors: खुद के बच्चों से दूर रहकर दूसरों की जिंदगी में खुशियां ला रही ममता शर्मा
इस समय डाक्टर व पैरा-मेडिकल स्टाफ दिनरात काम कर रहा है ताकि मरीजों की जान बचाई जा सके। इस जोखिम भरे काम में हालांकि डाक्टर व पैरा-मेडिकल स्टाफ हर एसओपी का पालन कर रहा है लेकिन संक्रमित होने का खतरा तब भी बना रहता है।
जम्मू, जागरण संवाददाता: कोरोना महामारी के इस दौर में जहां हर कोई अपने घरों में कैद है, वहीं हमारे हेल्थ वर्कर्स जान जोखिम में डालकर दिन रात काम कर रहे हैं। इन कोरोना वारियर्स में एक नाम है सीनियर स्टाफ नर्स ममता शर्मा को खुद के बच्चों से दूर रहकर दूसरों की जिंदगी में खुशियां भर रही है।
गांधी नगर अस्पताल में काम करने वाली ममता शर्मा पिछले तीन सप्ताह में 45 बच्चों के जन्म में अपनी सेवाएं दे चुकी है। वह 12 घंटे ड्यूटी देती है और ड्यूटी करके जब घर जाती है तो उनकी कोशिश रहती है कि वह अपने बच्चों के संपर्क में न आए।
ममता बताती है कि वह कई कोरोना संक्रमित महिलाओं की डिलीवरी करवा चुकी है और जब मां संक्रमण मुक्त होती है, तभी बच्चों को उन्हें सौंपा जाता है। आज जब चारों ओर महामारी की वजह से बुरी खबरें ही सुनने में आ रही है, ऐसे में इस दुनिया में कदम रख रहे ये बच्चे की सुनहरे कल की उम्मीद लेकर आते हैं।
इस समय डाक्टर व पैरा-मेडिकल स्टाफ दिनरात काम कर रहा है ताकि मरीजों की जान बचाई जा सके। इस जोखिम भरे काम में हालांकि डाक्टर व पैरा-मेडिकल स्टाफ हर एसओपी का पालन कर रहा है लेकिन संक्रमित होने का खतरा तब भी बना रहता है।
इस मुश्किल ड्यूटी के दौरान बच्चों की पढ़ाई पर कैसे ध्यान दे पाती है, इस सवाल पर ममता शर्मा ने कहा कि इस समय ऑनलाइन पढ़ाई चल रही है लेकिन वो अपना मोबाइल बच्चों को छूने नहीं देते। इसलिए बच्चों को अलग से मोबाइल लेकर दिए है।