Jammu Kashmir: 30 दिन, 30 फीसद लक्ष्य, दुर्गम रास्ते; वैक्सीन लेकर दूरदराज क्षेत्रों तक पहुंच रहे स्वास्थ्य कर्मी

जम्मू के डोडा जिले में कई ऐसे इलाके हैं जहां टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को कई किलोमीटर पैदल जाना पड़ रहा है। डोडा के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डा. याकूब का कहना है कि पहाड़ों पर टीकाकरण करना आसान नहीं है लेकिन कर्मचारी अपनी ड्यूटी समझते हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 07:52 AM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 07:55 AM (IST)
Jammu Kashmir: 30 दिन, 30 फीसद लक्ष्य, दुर्गम रास्ते; वैक्सीन लेकर दूरदराज क्षेत्रों तक पहुंच रहे स्वास्थ्य कर्मी
कुछ पहाड़ी क्षेत्र है जहां गाडिय़ां नहीं जाती।स्वास्थ्य विभाग की टीमें घोड़ों पर वैक्सीन पहुंचा रहे हैं।

जम्मू, रोहित जंडियाल: दुर्गम रास्ते, 30 दिन और 30 फीसद का लक्ष्य। कोरोना को मिटाने उतरे स्वास्थ्य कर्मियों ने जम्मू कश्मीर के दूरदराज क्षेत्रों में न पहाड़ देखे, न दरिया और न ही कच्चे रास्ते। सबको पार कर कोई कर्मी पैदल चलकर तो कोई घोड़ों का सहारा लेकर टीकाकरण करने पहुंच रहे हैं। यही कारण है जो कुपवाड़ा जिला 45 साल से अधिक आयु वर्ग में सबसे पीछे था आज में 18-44 वर्ष के आयु वर्ग पहले दो दिन में ही साढ़े बारह हजार लोगों ने टीके लगवा लिए हैं।

जम्मू कश्मीर में इक्का-दुक्का जिलों को छोड़ दें तो सभी में 18-44 वर्ष के आयु वर्ग में टीकाकरण शुरू हो गया है। डोडा जिला मंगलवार से अभियान शुरू कर रहा है। इन जिलों में पहले दिन लोगों में उत्साह देखने को मिला। कश्मीर के अनतंनाग, बारामुला, बडग़ाम, श्रीनगर तथा जम्मू संभाग के जम्मू, कठुआ, राजौरी और ऊधमपुर जिलों में 18-44 साल के आयु वर्ग में पहले से टीकाकरण हो रहा था। अन्य 12 जिलों में रविवार और सोमवार को टीकाकरण अभियान शुरू हुआ।

इस आयु वर्ग में 15 जुलाई तक 30 फीसद लोगों का टीकाकरण करना है। इसलिए लक्ष्य हासिल करने के लिए पहले दिन से ही सभी सक्रिय हैं। विशेषकर उन जिलों पर दबाव अधिक है जो पहले चरणों में पिछड़े हुए हैं। इसलिए कुपवाड़ा जिले ने रविवार को इस आयु वर्ग में अभियान शुरू कर दिया था। इस जिले को 20 हजार डोज दी गई है। हैरानगी है कि दो दिनों में 12.5 हजार लोगों ने टीकाकरण करवा लिया।

जिले की मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डा. कौसर अमीन का कहना है कि लोगों में जागरूकता आ रही है। इस बार हम समय पर लक्ष्य को हासिल करेंगे। कुछ दूरदराज क्षेत्रों में समस्या आती है, लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों में जोश है। यही स्थिति अनतंनाग जिले को लेकर है। इस जिले में कुछ पहाड़ी क्षेत्र है जहां गाडिय़ां नहीं जाती। रास्ते भी दुर्गम हैं। विशेषतौर पर खानाबदोश लोग जिन क्षेत्रों में ठहरे हुए हैं, यहां स्वास्थ्य विभाग की टीमें घोड़ों पर वैक्सीन पहुंचा रहे हैं। अनतंनाग जिले के लिदरवट में एक पहाड़ पर पैदल चलकर 200 लोगों का टीकाकरण किया गया। जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डा. मुख्तार अहमद शाह का कहना है कि ऐसे में हर जगह स्वास्थ्य कर्मी पहुंच रहे हैं।

जम्मू के डोडा जिले में कई ऐसे इलाके हैं जहां टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को कई किलोमीटर पैदल जाना पड़ रहा है। डोडा के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डा. याकूब का कहना है कि पहाड़ों पर टीकाकरण करना आसान नहीं है, लेकिन कर्मचारी अपनी ड्यूटी समझते हैं। लक्ष्य हासिल करने तथा सभी को कोरोना से बचाने के लिए ही पैदल ही दुर्गम रास्तों से पहाड़ों पर चढ़कर टीकाकरण कर रहे हैं। रामबन जिले में इसी तरह की स्थिति है। जिले में कई ऐसे स्थान हैं जहां कर्मचारियों को पैदल पहुंचने में चार से पांच घंटे लग जाते हैं। जिले में भी 18-45 साल के आयु वर्ग में पहले दिन करीब पांच सौ लोगों का टीकाकरण हुआ। रामबन जिले में 10 हजार डोज दी गई हैं।

वहीं 45 साल के आयु वर्ग में सौ फीसद टीकाकरण करने वाले शोपियां जिले में पहले दिन कम टीकाकरण केंद्र बनाए थे। लोग टीकाकरण के लिए आते रहे। शोपियां के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डा. अरशद हुसैन का कहना है कि मंगलवार से टीकाकरण केंद्र और बढ़ाएं जाएंगे। उन्होंने कहा कि तय समय में लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा।

52 लाख लोगों का टीकाकरण करना : महानिदेशक डा. सलीम

जम्मू कश्मीर के परिवार कल्याण विभाग के महानिदेशक डा. सलीम-उर-रहमान का कहना है कि 18-44 साल के आयु वर्ग में लोगों में उत्साह है। 52 लाख लोगों का टीकाकरण करना है। अभी तक छह फीसद के आसपास लोगों का टीकाकरण हो गया है।  

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