Corona Guidelines In Jammu Kashmir : विदेशों से आने वाले यात्री जांच रिपोर्ट आने तक होंगे क्वारंटाइन

जम्मू के मंडलायुक्त डा. राघव लंगर के साथ हुई जम्मू रामबन कठुआ व रियासी जिलों के अधिकारियों की बैठक में कोरोना के नए वैरिएंट पर आए दिशा निर्देशों पर विस्तार से चर्चा हुई। इसमें यह कहा गया कि विदेशों से आने वालों के एयरपोर्ट में ही टेस्ट होंगे।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 09:25 PM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 09:25 PM (IST)
Corona Guidelines In Jammu Kashmir : विदेशों से आने वाले यात्री जांच रिपोर्ट आने तक होंगे क्वारंटाइन
यात्री को स्वयं एक सप्ताह के लिए अपनी निगरानी करनी होगी।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : विदेशों से जम्मू आने वाले सभी लोगों के एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन में ही आरटीपीसीआर टेस्ट होंगे और जब तक उन टेस्टों की रिपोर्ट नहीं आ जाएगा तब तक उन्हें क्वारंटाइन सेंटरों में रहना पड़ेगा। जम्मू-कश्मीर में कोरोना के नए वैरिएंट को रोकने के लिए प्रशासन ने यह अहम फैसला किया है। वैक्सीन की दोनो डोज लगने पर भी टेस्ट होंगे।

जम्मू के मंडलायुक्त डा. राघव लंगर के साथ हुई जम्मू, रामबन, कठुआ व रियासी जिलों के अधिकारियों की बैठक में कोरोना के नए वैरिएंट पर आए दिशा निर्देशों पर विस्तार से चर्चा हुई। इसमें यह कहा गया कि विदेशों से आने वालों के एयरपोर्ट में ही टेस्ट होंगे। यहीं कई यात्री ट्रेन के माध्यम से भी आते हें। ऐसे में उन सभी के रेलवे स्टेशनों पर ही टेस्ट होंगे। जम्मू के भगवती नगर में सरकारी निशुल्क क्वारंटाइन सेंटर बनाया जाए, जहां पर रिपोर्ट आने तक यात्रियों को रेखा जाएगा। कुछ होटल वालों से भी बात हो रही है। इन होटलों को पेड क्वारंटाइन सेंटर बनाया जाएगा। इनमें रुपये देकर यात्री रूक सकते हैं।

वहीं कश्मीर के मंडलायुक्त पांडूरंग के पोले ने भी कश्मीर में कंटेनमेंट जोन बनाने पर जोर दिया। उन्होंने भी निर्देश दिए कि अंतरराष्ट्रीय फ्लाइंट से आने वाले सभी यात्रियों के आरटीपीसीआर टेस्ट होंगे। उनके पास पास चाहे पहले नेगेटिव रिपोर्ट हो या फिर वैक्सीन की दोनों डोज ली हो।

अगर आरटीपीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो उसे घर में सात दिन तक क्वारंटाइन किया जाएगा और आठवें दिन फिर से जांच होगी। उसके बाद भी यात्री को स्वयं एक सप्ताह के लिए अपनी निगरानी करनी होगी। अगर यात्री का टेस्ट पाजिटिव आता है तोे उसे जम्मू और श्रीनगर दोनों ही जगहों पर बने डीआरडीओ के अस्पतालों में रखा जाएगा। जिनोम स्टडी के लिए उनके टेस्ट लैब में भेजे जाएंगे ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं ओमिक्रान वेरिएंट तो नहीं है।

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