Jammu Kashmir: एक महीने में कोरोना ने बदल दी जम्मू-कश्मीर की तस्वीर, तीस दिन में 45 हजार से अधिक संक्रमित

Coronavirus in Jammu Kashmir अप्रैल महीने के पहले सप्ताह तक जहां अस्पतालों में कोरोना के मरीज न के बराबर ही रह गए थे और सक्रिय मरीजों की संख्या 2531 रह गई थी। वहीं अप्रैल महीने के अंत तक हालात बिलकुल बदल गए।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Sat, 01 May 2021 09:27 AM (IST) Updated:Sat, 01 May 2021 12:05 PM (IST)
Jammu Kashmir: एक महीने में कोरोना ने बदल दी जम्मू-कश्मीर की तस्वीर, तीस दिन में 45 हजार से अधिक संक्रमित
अभी आनेे वाले दिन बहुत ही चुनौतीपूर्ण हैं।

जम्मू, रोहित जंडियाल: पिछले साल कहर मचा चुके कोरोना से इस वर्ष के पहले तीन महीने तो बेहतर रहे लेकिन अप्रैल महीने में इस संक्रमण ने पूरे जम्मू-कश्मीर को अपने शिकंजे में ले लिया। सिर्फ तीस दिनों में 289 लोगों की मौत हो गई। वहीं करीब 45 हजार लोग संक्रमित हुए। पिछले साल सितंबर महीने के बाद यह सबसे अधिक आंकड़ा है। इससे स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग से लेकर स्थानीय प्रशासन तक में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि अभी आने वाला एक महीना चुनौतीपूर्ण है।

नेशनल हेल्थ मिशन से मिले आंकड़ों के अनुसार अप्रैल महीने में कुल 289 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई। सिर्फ आठ दिनों में ही 191 मरीजों की मौत हुई। जम्मू जिले में सबसे अधिक 97 मरीजों की मौत हुई है जबकि श्रीनगर जिले में 64 मरीजों की मौत हुई। बारामुला में 17, बडगाम और सांबा में 11 मौतें हुई। इसमें चिंताजनक तथ्य यह है कि मरने वालों में 17 साल की लड़की भी शामिल है। यही नहीं 18 साल, 24 साल, 30 साल, 34 साल की आयु वर्ग के मरीजों की भी मौत हुई। पचास साल से कम उम्र के भी कई मरीजों की मौत हुई है। जम्मू संभाग में ऐसी मौतें अधिक हुई हैं।

वहीं इस महीने में 45,123 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई। इनमें श्रीनगर जिले में सबसे अधिक 14,376 लोग संक्रमित हुए। इसके बाद जम्मू जिले में दूसरे नंबर पर 8,460 लोग संक्रमित हुए। इसके बाद अन्य जिलों में भी संक्रमण के मामले आना शुरू हुए। करीब साठ फीसद मामले तो इन्हीं दो जिलों में आए। विशेषज्ञ इससे चिंतित हैं। कश्मीर में लगातार कोरोना पर नजर बनाए रखने वाले डा. निसार-उल-हक का कहना है कि कोरोना संक्रमण अब हर जगह फैल गया है। पहले लग रहा था कि शहरी क्षेत्र ही प्रभावित हें लेकिन अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी संक्रमण फैल चुका है।

सरकार को पहले यह पता लगाना चाहिए कि कौन से स्ट्रेन है जिससे लोग संक्रमित हो रहे हैं। उनका कहना है कि इस बार कोरोना संक्रमण काफी घातक लग रहा है। ऐसे में यह जरूरी है कि लोग एसओपी का पालन करें। सभी लोग टीकाकरण करवाएं। अभी देखा गया है कि टीकाकरण करवाने के लिए श्रीनगर में बहुत कम लोग जा रहे हें। हालात नाजुक हैं। यह सभी को समझना होगा और सभी को टीकाकरण करवाना होगा। अभी आने वाले दिन बहुत ही चुनौतीपूर्ण हैं।

वहीं जम्मू के सीडी अस्पताल में एचओडी डा.राहुल गुप्ता का कहना है कि इस बार जम्मू में कई लोगों में यूके स्ट्रेन के मामले भी देखने को मिले हैं। यह भी घातक है। उन्होंने कहा कि इस समय हालात चुनौतीपूर्ण हैं। अधिकांश लोग अभी घरों में हैं। लोगों को यह समझना होगा कि जिस तरह से मौत हो रही हैं, उसे देखते हुए जरा भी लापरवाही न करतें और अपने आप को सुरक्षित बनाएं। जरूरत हो तभी अस्पताल में आएं।

वहीं डोडा मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल डा. दिनेश कुमार का कहना है कि अभी आने वाले दिन चुनौतीपूर्ण हैं। इस बार कोरोना संक्रमण अधिक घातक है। यह तेजी के साथ फैल रहा है। ऐसे में सभी को इससे निपटने के लिए सरकार तथा स्वास्थ्य विभाग का सहयोग करना चाहिए।

अस्पतालों में कम पड़ने लगे बिस्तर: अप्रैल महीने के पहले सप्ताह तक जहां अस्पतालों में कोरोना के मरीज न के बराबर ही रह गए थे और सक्रिय मरीजों की संख्या 2531 रह गई थी। वहीं अप्रैल महीने के अंत तक हालात बिलकुल बदल गए। शेर-ए-कश्मीर इंस्टीटयूट आफ मेडिकल सांइसेस सौरा में 278 बिस्तरों में से 269 पर मरीज भर्ती हैँ। वहीं एसएमएचएस में 203 बिस्तरों में से 156 पर कोविड के मरीज भर्ती हैं। इसी तरह जीएमसी जम्मू में 382 बिस्तरों में से 316 और सीडी अस्पताल में 110 में स 76 बिस्तरों पर मरीज भर्ती हैं। इन अस्पतालों के आइसीयू भी लगभग भरे जा चुके हैं। जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रहमण्यम पहले से ही यह कह चुके हैं कि आने वाले दिनों में बिस्तरों की कमी न हो, इसीलिए डीआरडीओ को दो अस्पताल बनाने को कहा गया है।

टीकाकरण में आई दिक्कतें: एक महीने में अच्छी बात यह रही कि करीब 14 लाख लोगों ने अपना टीकाकरण करवाया। इसमें 45 साल से अधिक आयु वर्ग के लोग ही अधिक शामिल हें। हालांकि इस दौरान टीकाकरण को लेकर दिक्कतें भी आई। दो बार वैक्सीन खत्म हुई। एक बार जम्मू संभाग के राजौरी जिले में वैक्सीन खत्म होने के कारण टीकाकरण नहीं हो पाया। वहीं इस बार कश्मीर संभाग के श्रीनगर जिले में टीकाकरण नहीं हो पाया। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि वैक्सीन की कमी जल्दी ही पूरी हो जाएगी।

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