Jammu Kashmir : आखिरकार अब कांग्रेस भी परिसीमन के बाद ही चुनाव कराए जाने पर राजी
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पहले हम चाहते थे कि चुनावों के बाद ही जम्मू कश्मीर में परिसीमन हो लेकिन केंद्र ने हमारा आग्रह स्वीकार नहीं किया। अब उसे यह प्रक्रिया फरवरी-मार्च तक हर हाल में पूरी कर चुनाव कराने चाहिए।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : कांग्रेस भी अब परिसीमन के बाद ही चुनाव कराए जाने को लेकर राजी है। इसका संकेत शनिवार को खुद पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने दक्षिण कश्मीर के देवसर, कुलगाम में दिया। उन्होंने कहा कि पहले हम चाहते थे कि चुनावों के बाद ही जम्मू कश्मीर में परिसीमन हो, लेकिन केंद्र ने हमारा अाग्रह स्वीकार नहीं किया। अब उसे यह प्रक्रिया फरवरी-मार्च तक हर हाल में पूरी कर चुनाव कराने चाहिए। हालांकि अपनी सभा में उन्होंने जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि आम तौर पर केंद्र शासित प्रदेश को अपग्रेड कर राज्य बनाया जाता है।
#WATCH | In Kashmir's Kulgam, Congress leader Ghulam Nabi Azad says, "Usually, UTs are upgraded to state. But in our case, state was downgraded to UT. It's like demoting DGP to post of thanedaar, CM to MLA, and chief secretary to Patwari. No wise man can do this." pic.twitter.com/dSuSyCy48I— ANI (@ANI) November 27, 2021
पत्रकारों से बातचीत में आजाद ने कहा कि केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रदेश में मार्च, 2020 से परिसीमन की प्रक्रिया जारी है। परिसीमन आयोग को मार्च, 2022 से पूर्व अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। सिर्फ भारतीय जनता पार्टी ही एकमात्र ऐसी प्रमुख राजनीतिक पार्टी है जो शुरू से परिसीमन का समर्थन कर रही है, जबकि नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस और पीपुल्स कांफ्रेंस समेत अन्य राजनीतिक दल परिसीमन का विरोध करते आए हैं। इन दलों का कहना है कि जम्मू कश्मीर को पहले राज्य का दर्जा दिया जाए, फिर चुनाव कराए जाएं और उसके बाद ही परिसीमन की प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए।
अलबत्ता, आज देवसर में एक जनसभा काे संबोधित करने के बाद पत्रकारों के साथ संक्षिप्त बातचीत में गुलाम नबी अाजाद ने परिसीमन के बाद ही चुनावों पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि दिसंबर से लेकर मार्च तक कश्मीर घाटी और जम्मू प्रांत के रामबन-डोडा-किश्तवाड़ व अन्य पर्वतीय इलाकों में चुनाव नहीं कराए जा सकते। इन क्षेत्रों में खूब ठंड होती है, बर्फ के कारण कई रास्ते बंद होते हैं। इसके अलावा अभी परिसीमन की प्रक्रिया भी चल रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने सर्वदलीय बैठक में केंद्र सरकार से आग्रह किया था कि जम्मू कश्मीर को पहले राज्य का दर्जा दिया जाए, उसके बाद विधानसभा चुनाव कराए जाएं। फिर यहां परिसीमन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए। खैर, केंद्र सरकार ने यह आग्रह नहीं माना। अब हमारा आग्रह है कि फरवरी-मार्च तक परिसीमन की प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाए और अप्रैल-मई में हर हाल में चुनाव करा लिए जाएं।
राज्य दर्जा की मांग पर सभी दल एकमत : जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा प्रदान करने संबंधी मुददे पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जम्मू कश्मीर को स्टेटहुड दिए जाने के मामले पर सभी राजनीतिक दल और सभी वर्ग एकमत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के साथ सर्वदलीय बैठक में हमने साफ कहा था कि यह गुमान नहीं होना चाहिए कि सिर्फ कश्मीरी मुसलमान ही जम्मू कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा मांग रहे हैं। जम्मू के लोग भी स्टेटहुड चाहते हैं। मैंने प्रधानमंत्री से कहा था कि मैं भाजपा वालों की तरफ से भी आपसे जम्मू कश्मीर के लिए स्टेटहुड मांगता हूं,क्योंकि यह लोग यह बात नहीं सकते।
मुख्यमंत्री पद नहीं, 5 अगस्त 2019 से पहले की स्थिति बहाली प्राथमिकता : चुनावों के बाद जम्मू कश्मीर में मुख्यमंत्री कौन होगा, के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस समय मुख्यमंत्री का पद प्राथमिकता नहीं है और न मैं इस विषय में सोचता हूं। सवाल है कि हमारे जम्मू कश्मीर की वह स्थिति जो चार अगस्त, 2019 को थी, वह कैसे बहाल हो। यह तभी होगी, जब यहां राज्य का दर्जा बहाल होगा। चुनाव होंगे। और जो विधानसभा का गठन होगा, वह मुख्यमंत्री का फैसला करे। हैदरपोरा मुठभेड़ को लेकर उठे सवालों पर उन्होंने कहा कि हमारे सुरक्षाबल सराहनीय काम कर रहे हैं। उन्होंने आतंकवाद का मुंहतोड़ जवाब दिया है। इतना यह जरूर ध्यान रखा जाए कि नागरिक इलाकों में किसी भी अभियान में पूरा एहतियात बरता जाए ताकि किसी बेकसूर की जान न जाए।