Jammu Kashmir: कोरोना वैक्सीन को लेकर लोगों में असमंजस, बोले- प्रधानमंत्री वाली कोवैक्सीन ही लगाएंगे, कोविशील्ड नहीं
जम्मू के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डा. जेपी सिंह ने बताया कि जम्मू जिले में सभी पंजीकृत निजी अस्पतालों में वीरवार से टीकाकरण शुरू करने की तैयारी में है। इसमें मरीज को हर डोज के जिए 250 रुपये देने होंगे।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: कोरोना वैक्सीन को लेकर भी लोगों में असमंजस की स्थिति रही। पहले दिन गांधीनगर और सरवाल अस्पतालों में टीकाकरण के लिए पहुंचे कई लोग कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने के लिए तैयार नहीं थे। उनका कहना था कि वह कोवैक्सीन लगावाएंगे। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के लिए मजबूरी यह थी कि उनके पास कोविशील्ड वैक्सीन ही आई हुई है।
लोगों का कहना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने जो वैक्सीन लगवाई है, वे भी वहीं लगवाएंगे। इसके बाद स्वास्थ्य कर्मियों को लोगों को समझाना मुश्किल हो गया। स्वास्थ्य निदेशक जम्मू डा. रेनू शर्मा को स्वयं लोगों से अनुरोध करना पड़ा। उन्होंने कहा कि दोनों ही वैक्सीन सुरक्षित हैं। जम्मू-कश्मीर में कोविशील्ड ही आई है। ऐसे में सभी को यही दी जाएगी और यह पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
निजी अस्पतालों में नहीं शुरू हो पाया टीकाकरण: स्वास्थ्य विभाग ने सात मार्च से एक साथ सरकारी और निजी अस्पतालों में टीकाकरण अभियान शुरू करने की योजना बनाई थी लेकिन सोमवार को केंद्र की सख्ती के बाद शुरू हुए अभियान के चलते किसी भी निजी अस्पताल में टीकाकरण अभियान शुरू नहीं हो पाया। इन अस्पतालों में अब वीरवार से टीकाकरण अभियान शुरू करने की तैयारी है। वहीं जम्मू में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अलावा सीजीएचएस के तहत पंजीकृत हुए कुछ निजी अस्पताल भी टीकाकरण अभियान में भाग लेने के लिए आगे आए हैं। हालांकि अभी निजी अस्पतालों में टीकाकरण के लिए जरूरी व्यव्स्था भी नहीं बन पाई है। जम्मू में एस्काम में ही जरूरी व्यवस्था थी। अब अन्य को भी वीरवार तक सभी तैयारियां पूरी करने के लिए कहा गया। जम्मू के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डा. जेपी सिंह ने बताया कि जम्मू जिले में सभी पंजीकृत निजी अस्पतालों में वीरवार से टीकाकरण शुरू करने की तैयारी में है। इसमें मरीज को हर डोज के जिए 250 रुपये देने होंगे।
दस्तावेज के साथ ही आएं लोग: स्वास्थ्य निदेशक जम्मू डा. रेनू शर्मा ने लोगों से अनुरोध कि योग्य लोग अपने जरूरी दस्तावेज के साथ ही आएं।45 से 59 वष्र के उन्हीं लोगों को वैक्ज्ञीन दी जाएगी जो कि पहले से किसी बीमारी से जूझ रहे हें और उस बीमारी का प्रमाणपत्र डाक्टर से लेना अनिवार्य है। इसके बिना किसी को भी वैक्सीन नहीं दी जाएगी। उसके बहना पंजीकरण ही नहीं होगा। हर किसी को वैक्सीन देने का प्रावधान ही नहीं है।