कमर्शियल पॉयलट समेत कोर्सों के लिए विद्यार्थियों को प्रायोजित करेगा जनजाति मामलों का विभाग

पत्रकारिता के क्षेत्र में 10 विद्यार्थियों को भेजा जाएगा। सूचना तकनीक के कोर्स के लिए भी विद्यार्थियों को भेजा जाएगा। इसकी जानकारी जनजाति मामलों के विभाग के सचिव डा. शाहिद इकबाल चौधरी ने दी। उन्होंने कहा की कमर्शियल पायलट के फील्ड में काफी कमी महसूस की जा रही है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 08:28 AM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 08:28 AM (IST)
कमर्शियल पॉयलट समेत कोर्सों के लिए विद्यार्थियों को प्रायोजित करेगा जनजाति मामलों का विभाग
यह सारे कोर्स मौजूदा अकादमिक सत्र में शुरू किए जाने का प्रस्ताव है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: जम्मू-कश्मीर का जनजाति मामलों का विभाग 250 विद्यार्थियों को विभिन्न कौशल विकास के कोर्सों के लिए प्रायोजित करेगा। इसमें कमर्शियल पायलट, एयर होस्टेस , मेडिकल डायग्नोस्टिक आईटी, नर्सिंग अन्य कोर्स शामिल होंगे।

विभाग एविएशन एकेडमी में 10 विद्यार्थियों को कमर्शियल पायलट ट्रेनिंग के लिए प्रायोजित करेगा। केबिन क्रु के लिए 20 विद्यार्थियों को भेजेगा। इसके लिए डीजीसीए से मान्यता प्राप्त एकेडमी से संपर्क किया जाएगा। यह भी प्रस्ताव किया गया है कि हायर सेकेंडरी स्कूलों में एविएशन के कोर्स शुरू होने चाहिए। नर्सिंग और मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर कोर्स के लिए विभाग लड़कियों को प्रायोजित करेगा। वहीं 50 युवाओं को मेडिकल तकनीशियन और डायग्नोस्टिक कोर्स के लिए भेजा जाएगा।

यह सारे कोर्स जम्मू कश्मीर के विश्वविद्यालयों और जम्मू कश्मीर कौशल विकास मिशन के सहयोग से आयोजित होंगे। पत्रकारिता के क्षेत्र में 10 विद्यार्थियों को भेजा जाएगा। सूचना तकनीक के कोर्स के लिए भी विद्यार्थियों को भेजा जाएगा। इसकी जानकारी जनजाति मामलों के विभाग के सचिव डा. शाहिद इकबाल चौधरी ने दी। उन्होंने कहा की कमर्शियल पायलट के फील्ड में काफी कमी महसूस की जा रही है और विशेषकर साउथ एशिया में कमर्शियल पायलटों की संख्या कम है। इसलिए युवाओं के लिए एक मौका है कि वह कमर्शियल पायलट बनें।

हम हर साल 10 विद्यार्थियाों को कमर्शियल पायलट और 20 को केबिन क्रु की ट्रेनिंग के लिए भेजेंगे। कोरोना से उपजे हालात को देखते हुए चिकित्सा के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता, एमबीए, एमसीए, इंजीनियरिंग कोर्सों के लिए विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इन कोर्स में प्रस्ताव 90: 10 फीसद के सहयोग से काम होगा। 90 फीस जनजाति मामलों का विभाग देगा जबकि 10 फीसद विद्यार्थी फीस देंगे। यह सारे कोर्स मौजूदा अकादमिक सत्र में शुरू किए जाने का प्रस्ताव है।

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