Natran Theater: कॉफी हाउस वाली लड़की ने सिखाया धोखेबाजों को सबक कैसे सिखाया जाए

राष्ट्रीय बालिका दिवस पर नटरंग संडे थियेटर श्रृंखला में डॉ. सत्य प्रकाश संगर के लिखे नाटक कॉफी हाउस वाली लड़की का मंचन किया गया। नाटक के से लड़कियों को उन लोगों को सबक सिखाने का संदेश दिया जो उन्हें धोखा देने की कोशिश करते हैं या धोखा देते हैं।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 08:16 PM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 08:16 PM (IST)
Natran Theater: कॉफी हाउस वाली लड़की ने सिखाया धोखेबाजों को सबक कैसे सिखाया जाए
संडे थियेटर श्रृंखला में डॉ. सत्य प्रकाश संगर के लिखे नाटक कॉफी हाउस वाली लड़की' का मंचन किया गया।

जम्मू, जागरण संवाददाता : राष्ट्रीय बालिका दिवस पर नटरंग संडे थियेटर श्रृंखला में डॉ. सत्य प्रकाश संगर के लिखे नाटक कॉफी हाउस वाली लड़की' का मंचन किया गया। नाटक के से लड़कियों को उन लोगों को सबक सिखाने का संदेश दिया, जो उन्हें धोखा देने की कोशिश करते हैं या धोखा देते हैं। नीरज कांत के निर्देशन में मंचित इस नाटक में भाग लेने वाले कलाकारों ने अपने अभिनय से नाटक को जीवंत कर दिया।

नाटक एक बालक को एक चुलबुले व्यक्तित्व के रूप में दिखाया गया है जो लड़कियों से दोस्ती करता है। उन पर पैसे खर्च करता है और झूठे वायदे करता है। वह एक अमीर और प्रभावशाली परिवार से ताल्लुक रखता है। उसे लगता है कि उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। लेकिन एक बार जब वह एक लड़की को कॉफी हाउस में मिलती है तो वह उसके वास्तविक इरादों को जान लेती है। लड़की मन बना लेती है कि इस लड़के को सबक सीखाना है। ऐसे में वह उसके खिलाफ सबूत जुटाने लगती है। वह बहुत चतुराई से उसे अपने छात्रावास में मिलने के लिए आमंत्रित करती है। जहां प्रिंसिपल वार्डन और सुरक्षा को उसकी यात्रा के बारे में पहले से ही सूचित कर दिया होता है।

जब लड़का वहां आता है और वहां आने का कारण बताता है तो उसका झूठ उजागर हो जाता है। सबके सामने अपमानित होने पर वह कई तरह की धमकियां भी देता है, लेकिन कॉलेज प्रिंसिपल और दूसरे सभी लोग उसे शर्मसार करते हैं। पकड़े जाने के बाद डरे हुए अपने झूठ और धोखे देने के लिए पश्चाताप करता है। वह नाक रगड़ते हुए कसम खाता है कि भविष्य में कभी किसी लड़की को धोखा नहीं देगा। लड़कियों के साथ उसका व्यवहार सच्चा और उन्हें इज्जत देने वाला होगा। नाटक में अभिनय करने वालों में ब्रिजेश अवतार शर्मा, काननप्रीत कौर, आरती देवी, सागर गुप्ता, अस्मा गुल, दीक्षा पंडिता और लवली शर्मा शामिल थीं। नाटक की लाइटिंग नीरज कांत ने डिजाइन की जबकि संगीत सुशांत सिंह चाढ़क ने दिया। शो का समन्वय मोहम्मद यासीन ने किया।

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