Cloudburst In Kishtwar: किश्तवाड़ में अभी तक 17 लोगों को बचाया, 5 की हालत गंभीर, 7 शव मिले

Cloudburst in Kishtwar अभी तक 7 लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं जबकि मलवे में दबे 17 घायल लोगों को वहां से निकाल अस्पताल पहुंचाया गया है। इनमें 5 घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है।अभी भी दल के सदस्य बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 07:45 AM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 02:06 PM (IST)
Cloudburst In Kishtwar: किश्तवाड़ में अभी तक 17 लोगों को बचाया, 5 की हालत गंभीर, 7 शव मिले
इलाके में तेज बारिश की वजह से आगे की स्थिति का जायजा नहीं लिया जा सकता।

किश्तवाड़, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर के जिला किश्तवाड़ की डच्चन तहसील के दूरदराज गांव हंजंर में बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। अभी प्राप्त हुई ताजा जानकारी के अनुसार बचाव दल ने मलवे में दबे 7 शव बरामद किए हैं जबकि 17 घायल लोगों को बचा लिया है। अभी भी गांव के 14 लोग लापता हैं। सेना, एसडीआरएफ की अतिरिक्त टुकड़ियों को बुलाया गया है। बताया जा रहा है कि कुछ ही घंटों में यह अतिरिक्त जवान घटनास्थल पर पहुंच जाएंगे।

05 more injured have been rescued. total 17 persons rescued.

Out of the 17 rescued 05 persons are critically injured.

07 dead bodies have been recovered so far..

Rescue operation is on..

— IGP Jammu (@igpjmu) July 28, 2021

वहीं केंद्र सरकार भी इस पूरे घटना क्रम पर नजर बनाए रखे हुए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देश वासियों को किश्तवाड़ और कारगिल में बादल फटने के बाद उत्पन्न स्थिति की जानकारी अपने ट्वीटर हैंडल के जरिए देते हुए कहा कि किश्तवाड़ और कारगिल में बादल फटने के मद्देनजर केंद्र सरकार स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए है। प्रभावित क्षेत्रों में हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। मैं सभी की सुरक्षा और भलाई के लिए प्रार्थना करता हूं। 

Central Government is closely monitoring the situation in the wake of the cloudbursts in Kishtwar and Kargil. All possible assistance is being made available in the affected areas. I pray for everyone’s safety and well-being.

— Narendra Modi (@narendramodi) July 28, 2021

वहीं यह दुखद समाचार मिलते ही गृहमंत्री अमित शाह ने भी बचाव कार्य से संबंधित जानकारी हासिल करने के लिए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा व डीजीपी दिलबाग सिंह से संपर्क किया। उन्हें बताया गया कि एसडीआरएफ, सेना, पुलिस व स्थानीय लोगों का संयुक्त दल बचाव कार्य में जुटा हुआ है। जल्द ही जम्मू व श्रीनगर से एनडीआरएफ की टीमें भी हैलीकाप्टर द्वारा मौके पर पहुंच जाएंगी।

किश्तवार (J&K) में बादल फटने के संबंध में मैंने जम्मू-कश्मीर के LG और DGP से बात की है। SDRF, सेना और स्थानीय प्रशासन बचाव कार्य में लगा हुआ है, NDRF भी वहाँ पहुँच रही है। अधिक से अधिक लोगों की जान बचाना हमारी प्राथमिकता है। शोकाकुल परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ।

— Amit Shah (@AmitShah) July 28, 2021

वहीं उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी इस घटना पर दुख जाहिर करते हुए हादसे में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। उन्होंने लापता लोगों का जल्द से जल्द पता लगाने के लिए बचाव दल को कार्य में तेजी लाने के लिए भी कहा। यही नहीं वहीं इस घटना पर दुख जताते हुए पूर्व मुख्यमंत्री व नेशनल कांफ्रेंस के उपप्रधान उमर अब्दुल्ला ने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा कि आज सुबह किश्तवाड़ से एक दुखद खबर आ रही है। उपरी इलाकों में बादल फटने से वहां अफरातफरी मच गई है। हम प्रार्थना करते हैं कि लापता लोग सकुशल बरामद हो जाएं। जो इस हादसे में जान गवां बैठे हैं, उनकी आत्मा को शांति मिले।

Terrible news coming in this morning from Kishtwar where a cloud burst has struck the upper reaches. Praying that the people missing are recovered safe & sound. May the souls of the departed rest in peace.

— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) July 28, 2021

किश्तवाड़ के डीसी अशोक कुमार शर्मा ने बताया कि इन घरों में रहने वाले परिवारों के करीब 38 सदस्य भी लापता हो गए। हालांकि घटना के बाद मौके पर पहुंचे पुलिस, सेना, एसडीआरएफ और स्थानीय लोगों द्वारा युद्धस्तर पर चलाए गए बचाव कार्य में अभी तक 7 लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं जबकि मलवे में दबे 17 घायल लोगों को वहां से निकाल अस्पताल पहुंचाया गया है। इनमें 5 घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है।अभी भी दल के सदस्य बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। प्रशासनिक अधिकारियों से मिलनी जानकारी के अनुसार गांव के 14 लोग अभी भी लापता हैं। पूरे इलाके में रेड अलर्ट घोषित किया गया है।

वहीं पुलिस महानिदेशक-सह-कमांडेंट जनरल होम गार्ड, नागरिक सुरक्षा और एसडीआरएफ, वीके सिंह ने बताया कि अभी तक मिले 7 शवों में 3 महिलाएं शामिल हैं। अभी भी गांव के 14 से अधिक लोग लापता हैं। उन्हें ढूंढने का काम जारी है। बरामद किए गए शवों की पहचान कर ली गई है। इनमें साजा बेगम पत्नी गुलाम मोहम्मद, रकिता पत्नी जुबैर, गुलाम नबी पुत्र रसूल तांत्रे (राशन डिपो का चौकीदार), अब्दुल मजीद (शिक्षक) पुत्र नजीर अहमद, जयतूना बेगम पत्नी हाजी लाल दीन बक्करवाल, तौसीफ इकबाल पुत्र मोहम्मद इकबाल शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि किश्तवाड़ से एसडीआरएफ की एक टीम गांव में पहुंच गई। दो और टीमें डोडा और उधमपुर जिलों से जा रही हैं। एसडीआरएफ की दो और टीमें मौसम में सुधार का इंतजार कर रही हैं। उन्हें जम्मू और श्रीनगर से हैलीकाप्टर की मदद से घटना स्थल तक पहुंचाया जाएगा।

आपको बता दें कि पिछले 12 घंटों के भीतर किश्तवाड़ में 3 जगह बादल फटा है। 2 बादल किश्तवाड़ के गुलाबगढ़ चशौती में गत मंगलवार शाम को फटे। हालांकि इसमें किसी तरह के जानी नुकसान की सूचना नहीं है परंतु नालों में आए तेज उफान की वजह से चार पुल बह गए कुछ मकानों को क्षति पहुंची है। इसके बाद आज सुबह 4.30 बजे दूसरा बादल किश्तवाड़ में डच्चन के हंजंर इलाके में फटा, जिसकी चपेट में आने से जान व माल का काफी नुकसान हुआ है। 6 घर, एक राशन की दुकान मिट्टी में दफन हो गए। जबकि कियार में स्थित एक पुल बाढ़ की चपेट में आने से ध्वस्त हो गया।

किश्तवाड़ के जिला विकास आयुक्त ने कहा कि दूरदराज के लैम्बार्ड इलाके में रात में दो और बादल फटे लेकिन किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. बुनियादी ढांचों को कुछ नुकसान हुआ है। लगातार बारिश को देखते हुए पाडर इलाके से 60 परिवारों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। वहां उनको खतरा हो सकता था।

वहीं मंगलवार देर शाम को किश्तवाड़ के ही गुलाबगढ़ से 25 किलोमीटर दूर चशौती गांव के पास बादल फटने से हाहाकर मच गया। इससे मचैल से आने वाले बोट नाले में उफान पर आ गया। एकाएक आए पानी का बहाव रास्ते में सब बहाकर ले जाता रहा। एक के बाद एक चार पुल इस उफान में बहते चले गए।

सबसे पहले कुंडेल गांव में पुल से जब पानी टकराया तो लोगों में हड़कंप मच गया। उसके बाद बोटनाला पर चशोती के पास सन्यास गांव पर बना पुल बह गया। देखते ही देखते सयोगी एवं पडीवाग में भी नाले पर बने पुल बह गए। ग्रामीणों ने तुरंत गुलाबगढ़ में प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी सूचना दी और प्रशासन ने हाईअलर्ट घोषित किया। इसके बाद पडीवाग क्षेत्र में गांवों को खाली करा दिया गया। अन्य ग्रामीणों को भी हिदायत दी गई कि वह तुरंत घरों को खाली कर गुलाबगढ़ के ऊपरी हिस्सों में आ जाएं।

गुलाबगढ़ के एसडीएम वरुण जीत सिंह चाढ़क का कहना था कि अभी किसी जनहानि की सूचना नहीं है। पूरे क्षेत्र को खाली करवा लिया गया है। हालांकि आधी रात के बाद नाले में पानी का बहाव धीरे धीरे कम हो रहा था लेकिन इलाके में तेज बारिश की वजह से आगे की स्थिति का जायजा नहीं लिया जा सकता। स्थानीय सूत्रों से पता चला है कि पानी के तेज बहाव के कारण रास्तों को काफी क्षति पहुंची है। इसी लिए अभी तक कोई बचाव दल गुलाबगढ़ नहीं पहुंच पाया है। वहीं प्रशासन लोगों तक सहायता पहुंचाने का पूरा प्रयास कर रहा है।

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