Jammu: देशी जुगाड़ से तालाब की सफाई, मछलियों को मिला जीवनदान
तालाब में आक्सीजन की कमी से अक्सर मछलियों के मरने की घटनाएं सामने आती रहती हैं। इसकी एक बड़ी वजह तालाब की सतह पर जमी काई और तल में जमी गाद होती है जिससे पानी की सांद्रता बढ़ जाती है।
जागरण संवाददाता, जम्मू : डिली इलाके में काई से भरे एक तालाब को युवकों की एक टीम ने एक घंटे से भी कम समय में साफ कर दिया। काई जमने से तालाब में रहने वाली मछलियों व अन्य जीवों को आक्सीजन नहीं मिल पाती। इसको ध्यान में रखकर इन युवकों ने काई हटाने के लिए यह नायाब तरीका अपनाया।
शहर से सटे डिली इलाके में तालाब के एक ठहरे पानी में जमा काई को निकालने के लिए सोमवार को युवकों की एक टीम पहुंची। उन्होंने पहले तालाब का मुआयना किया और फिर काई को हटाने के लिए एक अनोखे जतन में जुट गए। दिशा वालंटियर आर्गेनाइजेशन से जुड़े इन युवकों ने तालाब की सफाई के लिए फ्लो¨टग ब्रिज तकनीक का इस्तेमाल किया। उन्होंने बोरों में प्लास्टिक की बोतलों को भरकर उन्हें एक लंबी रस्सी में बांधा। इसके बाद तालाब के तीन तरफ इस रस्सी को पानी में डाला गया। फिर उन्होंने रस्सी के छोर को धीरे-धीरे किनारे की तरफ खींचना शुरू किया।
कुछ ही देर में तालाब की सारी काई किनारे आ गई, जिसे उन्होंने तालाब से बाहर कर दिया। काफी काई रस्सी और बोरों से चिपक गई थी, ऐसे में उन्हें इसके लिए तालाब के ज्यादा अंदर जाने की जरूरत नहीं पड़ी। तालाब से काई निकालने के लिए युवकों के इस जुगाड़ की स्थानीय लोगों ने भी खूब सराहना की। इस काम में क्लाइमेट फ्रंट जम्मू के वालंटियर्स ने भी सहयोग दिया। युवाओं के इस प्रयास की पर्यावरण कार्यकर्ता प्रोफेसर भोलानाथ शर्मा और संजीव अरोड़ा ने भी सराहना की। इस कार्य में नेहा, आरुषि, रजत, दिव्यांश, अंकुश, प्रियंका, अमित, सद्दाम, साहिल, आयुषि, राहिल, विशारथ, ऋतंबरा, सर्वप्रिय, अंकुश, शुभम, आदित्य और अनिल ने सहयोग किया। इन युवकों का कहना था कि तालाब की सफाई की यह एक आसान तकनीक है, जिसका भविष्य में स्थानीय लोग भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
काई जमने से मछलियों को नहीं मिल पाती है आक्सीन : तालाब में आक्सीजन की कमी से अक्सर मछलियों के मरने की घटनाएं सामने आती रहती हैं। इसकी एक बड़ी वजह तालाब की सतह पर जमी काई और तल में जमी गाद होती है, जिससे पानी की सांद्रता बढ़ जाती है। ऐसे में धूप निकलने पर वह तालाब में प्रवेश नहीं कर पाती, जिससे आक्सीजन की कमी से मछलियां मरने लगती हैं। लंबे समय तक पानी के स्थिर रहने से भी यह समस्या आती है। इसलिए तालाब को बीच-बीच में सफाई करते रहना चाहिए।