Jammu Kashmir: मुख्य सचिव डा अरुण मेहता के निर्देश-बिजली व्यवस्था को बेहतर बनाएं, अघोषित बिजली कटौती में करें कमी

जारी वित्त वर्ष में कश्मीर में 64588 मिलियन यूनिट बिजली की खपत हुई है। यह पिछले वर्ष के मुकाबले करीब 8 फीसद ज्यादा है। इस दौरान बताया कि कश्मीर में अधिकतम बिजली इस्तेमाल में भी 17 फीसद के करीब वृद्धि हुई है।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 09:20 AM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 09:20 AM (IST)
Jammu Kashmir: मुख्य सचिव डा अरुण मेहता के निर्देश-बिजली व्यवस्था को बेहतर बनाएं, अघोषित बिजली कटौती में करें कमी
बिजली सप्लाई को बेहतर बनाने की दिशा में भी काम हो रहा है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो।मुख्य सचिव डा अरुण कुमार मेहता ने जम्मू कश्मीर में बिजली व्यवस्था को बेहतर बनाने के साथ अघोषित बिजली कटौती में कमी करने के निर्देश दिए हैं। जम्मू में उच्च स्तरीय बैठक में बिजली विभाग के कामकाज की समीक्षा करते हुए मुख्यसचिव ने निर्देश दिए कि प्रदेश में लाइन स्टाफ बिजली की चोरी रोकने के साथ सुनिश्चित करे कि ओवर लोड से बिजली के ट्रांसफार्मर खराब होने में कमी आए।

सचिवालय में हुई इस उच्च स्तरीय बैठक में बिजली विभाग के प्रमुख सचिव के साथ संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों, मुख्य अभियंताओं आदि ने हिस्सा लिया। बैठक में बताया गया कि जारी वित्त वर्ष में कश्मीर में 64,588 मिलियन यूनिट बिजली की खपत हुई है। यह पिछले वर्ष के मुकाबले करीब 8 फीसद ज्यादा है। इस दौरान बताया कि कश्मीर में अधिकतम बिजली इस्तेमाल में भी 17 फीसद के करीब वृद्धि हुई है। बिजली सप्लाई को बेहतर बनाने की दिशा में भी काम हो रहा है।

इस बीच बैठक में मुख्यसचिव ने अपनी पहली बैठक में जारी निर्देशों को प्रभावी बनाने की दिशा में अब तक हुई कार्रवाई की भी समीक्षा की। मुख्यसचिव ने अपनी पिछली बैठक में निर्देश दिए थे कि मुख्य कस्बों में खराब हुए ट्रांसफार्मर 12 घंटों के अंदर व ग्रामीण इलाकों में 24 घंटों के अंदर तब्दील किया जाए। उन्हें बताया कि विभाग की ओर से इन निर्देशों को प्रभावी बनाने के लिए हर संभव कार्रवाई की जा रही है।

उच्च स्तरीय इस बैठक में जम्मू व कश्मीर संभाग में बिजली व्यवस्था को बेहतर बनाने की राह में आ रही बाधाओं पर भी विचार-विमर्श किया गया। ऐसे में मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि बिजली सप्लाई की निगरानी करने के साथ प्रदेश में अवैध बिजली कनेक्शनों को काटने के लिए भी विभाग की ओर से विशेष टीमों का गठन किया जाए। ये टीमें लगातार अभियान चलाते हुए बिजली चोरी पर रोक लगाने की दिशा में कार्रवाई करें।  

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