दो पूर्व पटवारियों, फारेस्ट गार्ड समेत 13 के खिलाफ चार्जशीट पेश

बजालता के निकट दवारा गांव में वन भूमि पर कब्जा करवाने के आरोप में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने क्षेत्र के दो पूर्व पटवारियों एक फारेस्ट गार्ड व दस अन्य लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक विशेष न्यायालय में चार्जशीट पेश की है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 08:00 AM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 08:00 AM (IST)
दो पूर्व पटवारियों, फारेस्ट गार्ड समेत 13 के खिलाफ चार्जशीट पेश
दो पूर्व पटवारियों, फारेस्ट गार्ड समेत 13 के खिलाफ चार्जशीट पेश

जागरण संवाददाता, जम्मू : बजालता के निकट दवारा गांव में वन भूमि पर कब्जा करवाने के आरोप में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने क्षेत्र के दो पूर्व पटवारियों, एक फारेस्ट गार्ड व दस अन्य लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक विशेष न्यायालय में चार्जशीट पेश की है। केस के मुताबिक इन पटवारियों ने राजस्व विभाग के अन्य कर्मचारियों के साथ मिलकर जमीन के राजस्व रिकार्ड से छेड़छाड़ कर और लाभार्थियों के हक में जमीन का रिकार्ड तैयार करके वन विभाग की जमीन पर कब्जे करवाए। प्रारंभिक जांच पूरी करके एसीबी ने अब 13 आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट पेश की है।

जिन आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट पेश की गई है, उनमें बजालता के तत्कालीन पटवारी बशीर अहमद व अल्ताफ हुसैन मलिक, तत्कालीन फारेस्ट गार्ड मलूक अली, तत्कालीन तहसीलदार (अब मृत) चौधरी असलम दीन के अलावा दवारा गांव के लाभार्थी जावेद अहमद, वली मोहम्मद, जमत अली, अरफाकत हुसैन, मोहम्मद इदरीस, हसन मोहम्मद, मोहम्मद रफीक, मोहम्मद असलम व राशिद अली के नाम शामिल हैं। शिकायत के आधार पर दर्ज केस की जांच में ब्यूरो ने पाया कि दोनों पटवारियों ने वर्ष 2008-12 के बीच फारेस्ट गार्ड मलूक अली के साथ मिलकर एक साजिश रची और उक्त लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए गांव के खसरा नंबर 59-41 में वन विभाग की जमीन पर कब्जा करवाया। पटवारियों ने राजस्व विभाग के अन्य लोगों के साथ मिलकर जमीन के रिकार्ड में हेराफेरी करके जमीन लाभार्थियों के नाम पर दर्ज कर दी। जांच के दौरान यह साबित हुआ कि पटवारी बशीर अहमद व अल्ताफ हुसैन मलिक ने साजिश के तहत वन विभाग की जमीन पर कब्जे कराकर सरकार को नुकसान पहुंचाया। जांच पूरी करने के पश्चात ब्यूरो ने सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मंजूरी ली और अब इस केस की चार्जशीट पेश की। कोर्ट ने अब इस केस की सुनवाई तीस दिसंबर को निर्धारित की है।

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