जम्मू में दूसरे दिन भी अंधड़ व बारिश के आसार

मौसम की सबसे अधिक मार किसानों पर पड़ी। उनकी फसल पककर तैयार है लेकिन मौसम उन्हें समेटने का मौका ही नहीं दे रहा है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Wed, 24 Apr 2019 05:32 PM (IST) Updated:Wed, 24 Apr 2019 05:32 PM (IST)
जम्मू में दूसरे दिन भी अंधड़ व बारिश के आसार
जम्मू में दूसरे दिन भी अंधड़ व बारिश के आसार

जम्मू, जागरण संवाददाता : जम्मू कश्मीर और आसपास के क्षेत्रों में तीन दिन तक तेज गर्मी के बाद अब अंधड़ व बारिश किसानों के आंसू निकाल रही है। लगातार दूसरे दिन तेज हवाएं चल रही हैं। मंगलवार को मौसम का सबसे गर्म दिन रिकॉर्ड किया गया था। इस गर्मी का असर दिखा और शाम से मौसम ने एकाएक पलटी मारी। इसके बाद तेज हवाओं के साथ हुई बूंदाबांदी ने गर्मी से कुछ राहत दिलाई लेकिन आंधी ने काफी बर्बादी ला दी। बड़े पैमाने पर पेड़ गिर गए और बिजली के खंभे भी टूट गए। इसके अलावा शार्ट-सर्किट से कुछ स्थानों पर आग लगने की भी सूचना है। किसानों की फसल को भी खासा नुकसान हुआ।

बुधवार को भी मौसम साफ नहीं है और सुबह हल्की बूंदाबांदी हुई। आंशिक तौर पर बादल छाए रहे और 15 से 20 किलोमीटर की गति से हवाएं चल रही हैं। आशंका जताई जा रही है शाम तक तेज आंधी के साथ बारिश भी हो सकती है। घाटी में भी बारिश का अनुमान है। मंगलवार रात को आई आंधी और बारिश में जम्मू संभाग में ही सैकड़ों की संख्या में पेड़ गिर गए। इसके अलावा बिजली के खंभे भी गिर गए। कई इलाकों में रात में ही बिजली आपूर्ति बाधित हो गई और सुबह ही सुचारू हो सकी। कुछ दूर-दराज के क्षेत्रों में अभी भी बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हो पाई है।

मौसम की सबसे अधिक मार किसानों पर पड़ी। उनकी फसल पककर तैयार है लेकिन मौसम उन्हें समेटने का मौका ही नहीं दे रहा है। मंगलवार रात को आए अंधड़ से गेहूं की फसल बिछ गई। इस समय फसल पककर खड़ी है और गिरने के बाद दोबारा उठने की संभावना नहीं है। ऐसे में किसानों को खासा नुकसान उठाना पड़ सकता है। बुधवार को भी तेज आंधी की आशंका के कारण उन्हें फसल समेटने का मौका नहीं मिल रहा है।

हिमाचल व अन्य राज्यों में आएगी आंधी

विशेषज्ञों के अनुसार मौसम में यह बदलाव पूरे उत्तर भारत में देखा जा रहा है। हिमाचल में तेज हवाएं चलने की आशंका है। इसके अलावा उत्तर भारत के अन्य राज्यों में आंधी आ सकती है।

बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र

मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है। अगर यह कमजोर नहीं हो तो पूर्वी तट से लेकर देश के उत्तर भारत में इसका प्रभाव देखा जा सकता है।

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