रिलायंस के रिटेल स्टोर खोलने के विरोध में चैंबर का 22 को जम्मू बंद

जम्मू संभाग के उद्योग व व्यापार जगत के सबसे बड़े संगठन चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री ने 22 सितंबर को एक दिन के जम्मू संभाग बंद का आह्वान किया है। चैंबर ने कहा है कि यह सिर्फ एक दिन की टोकन हड़ताल है और अगर सरकार नहीं चेती तो यह बंद अनिश्चितकाल का भी हो सकता है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 07:27 AM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 07:27 AM (IST)
रिलायंस के रिटेल स्टोर खोलने के विरोध में चैंबर का 22 को  जम्मू बंद
रिलायंस के रिटेल स्टोर खोलने के विरोध में चैंबर का 22 को जम्मू बंद

जागरण संवाददाता, जम्मू : जम्मू संभाग के उद्योग व व्यापार जगत के सबसे बड़े संगठन चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री ने 22 सितंबर को एक दिन के जम्मू संभाग बंद का आह्वान किया है। चैंबर ने कहा है कि यह सिर्फ एक दिन की टोकन हड़ताल है और अगर सरकार नहीं चेती तो यह बंद अनिश्चितकाल का भी हो सकता है। चैंबर ने कहा है कि इस बार अगर जम्मू की अनदेखी हुई तो 2008 के श्री अमरनाथ भूमि आंदोलन से भी बड़ा आंदोलन होगा और इस आंदोलन के लिए जम्मू पूरी तरह से तैयार है।

चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री जम्मू के प्रधान अरुण गुप्ता ने शनिवार को जम्मू के विभिन्न व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले दो साल से जम्मू के व्यापारियों पर काफी अत्याचार हो रहा है। चैंबर ने कई बार व्यापारियों के मुद्दे को केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के सामने रखा लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। अब पानी सिर से ऊपर निकल गया है। जम्मू के लोग अब चुप नहीं बैठेंगे और अपना हक पाने के लिए हर लड़ाई लड़ेंगे। चैंबर प्रधान ने कहा कि बुधवार का जम्मू बंद तो सिर्फ शुरूआत है, अगर सरकार नींद से नहीं जागी तो चैंबर इससे भी कड़े कदम उठाएगा।

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केंद्र शासित प्रदेश में पहला बंद

जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद सरकार के विरोध में यह पहला जम्मू बंद है। इससे पहले ट्रांसपोर्टर तो चक्का जाम रख चुके है और लॉकडाउन के चलते भी बंद रहा है लेकिन सरकार के विरोध में पहली बार जम्मू बंद का आह्वान किया गया है। इस बंद को विभिन्न व्यापारिक संगठनों के अलावा ट्रांसपोर्टरों ने भी पूरा समर्थन देने का फैसला लिया है। जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने भी चैंबर द्वारा उठाए गए मुद्दों को जायज ठहराते हुए समर्थन किया है। हालांकि जम्मू बंद के समर्थन पर एसोसिएशन सोमवार को औपचारिक घोषणा करेगी।

दरबार मूव बंद करना है दो प्रदेश बना दो

चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री जम्मू ने दरबार मूव की प्रथा बंद करने की कोशिशों पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा है कि अगर सरकार दोनों संभाग के बीच कोई रिश्ता ही नहीं रखना चाहती तो कश्मीर व जम्मू को अलग कर दे और जिस तरह से लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया है, उसी तरह कश्मीर व जम्मू को भी अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दे। चैंबर प्रधान ने कहा कि दरबार मूव से जहां दोनों संभाग के बीच सांस्कृतिक व साम्प्रदायिक सौहार्द बनता है, वहीं व्यापार को भी करोड़ों का नुकसान है। इसलिए सरकार का यह कदम व्यापारियों को मंजूर नहीं। रोजगार नहीं बेरोजगारी लाएंगे रिलायंस स्टोर

जम्मू में रिलायंस रिटेल स्टोर खुलने के मुद्दे को सबसे गंभीर मुद्दा करार देते हुए चैंबर प्रधान ने कहा कि ये स्टोर जम्मू में रोजगार के अवसर नहीं, बेरोजगारी लेकर आएंगे। चैंबर प्रधान ने कहा कि एक स्टोर अगर दस लोगों को रोजगार देगा तो उसके खुलने से आसपास की 100 छोटी-छोटी दुकानें भी बंद होगी। 100 दुकानें बंद होने से 500 लोग बेरोजगार होंगे। इसका जिम्मेदार कौन होगा? चैंबर प्रधान ने कहा कि जम्मू के लोगों के पेट पर लात मारकर कोई भी विकास चैंबर को मंजूर नहीं।

यह भी रहे ज्वलंत मुद्दे

-शराब की दुकानें व बार : चैंबर ने कहा कि सरकार ने पहले शराब की दुकानें बंद करके हजारों लोगों को बेरोजगार किया और अब बार भी बंद करवा दी। कोरोना महामारी के बीच पूरे देश में बैंक्वेट हॉल खुले है लेकिन जम्मू में इन्हें खुलने की अनुमति नहीं। जियोलॉजी एंड माइनिग विभाग ने ऐसी नीति बनाई जिससे स्थानीय लोगों का रोजगार छिन गया। चैंबर ने कहा कि ऐसे कई क्षेत्र है, जहां प्रदेश प्रशासन जम्मू का कारोबार ठप करने पर तुला हुआ है।

सांसदों के जम्मू न आने पर जताई नाराजगी

-चैंबर प्रधान ने कहा कि मोदी सरकार के 300 सांसद जम्मू-कश्मीर दौरे पर आए लेकिन सभी कश्मीर गए और जम्मू का दर्द सुनने के लिए कोई नहीं आया। जो चंद सांसद आए भी, वो भी केवल भाजपा के नेताओं से मिलने आए। किसी ने भी जम्मू के व्यापारिक व जन-प्रतिनिधियों से मिलकर उनकी बात को सुनना जरूरी नहीं समझा। चैंबर प्रधान ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि प्रशासन केवल कश्मीर को खुश करना चाहता है लेकिन इस कश्मीर प्रेम के बीच जम्मू के राष्ट्रवादी लोगों की अनदेखी हो रही है जो बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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