Chaitra Navratri 2021: मंगलवार से शुरू होंगे चैत्र नवरात्र, इस बार घोडे़ पर सवार होकर आएगी मां दुर्गा
नौ दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में मां भगवती के नौ रूपों क्रमशः शैलपुत्री ब्रह्मचारिणी चंद्रघंटा कूष्मांडा स्कंदमाता कात्यायनी कालरात्रि महागौरी और सिद्धदात्री देवी की पूजा की जाती है। इस व्रत में नौ दिन तक भगवती दुर्गा का पूजन दुर्गा सप्तशती का पाठ करवाना चाहिए ।
जम्मू, जागरण संवाददाता: इस वर्ष चैत्र नवरात्र 13 अप्रैल मंगलवार से प्रारंभ होकर 21 अप्रैल बुधवार तक रहेगें ।21 अप्रैल को नवमी तिथि होगी ।नवरात्र कलश स्थापन, ज्योति प्रज्वलन करने तथा देवी दुर्गा की साख लगाने का वैसे तो 13 अप्रैल मंगलवार वैसे तो पूरा दिन शुभ है। फिर भी 13 अप्रैल सुबह 06.08 मिनट से दोपहर 12.55 का समय अधिक शुभ रहेगा ।चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तिथि तक यह व्रत किये जाते हैं।
नौ दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में मां भगवती के नौ रूपों क्रमशः शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धदात्री देवी की पूजा की जाती है ।इस व्रत में नौ दिन तक भगवती दुर्गा का पूजन, दुर्गा सप्तशती का पाठ स्वयं या विद्वान पण्डित जी से करवाना चाहिए ।
चैत्र नवरात्र के विषय में श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित शास्त्री ने बताया कि चैत्र नवरात्रि 2021 की तिथियां इस प्रकार हैं :
13 अप्रैल. नवरात्रि प्रतिपदा. मां शैलपुत्री पूजा और घटस्थापना 14 अप्रैल. नवरात्रि द्वितीया. मां ब्रह्मचारिणी पूजा 15 अप्रैल. नवरात्रि तृतीया. मां चंद्रघंटा पूजा 16 अप्रैल. नवरात्रि चतुर्थी. मांकुष्मांडा पूजा 17 अप्रैल. नवरात्रि पंचमी. मां स्कंदमाता पूजा 18 अप्रैल. नवरात्रि षष्ठी. मां कात्यायनी पूजा 19 अप्रैल. नवरात्रि सप्तमी. मां कालरात्रि पूजा 20 अप्रैल. नवरात्रि अष्टमी. मां महागौरी 21 अप्रैल. नवरात्रि नवमी. मां सिद्धिदात्री, रामनवमीइन नियमों का करें पालन: नवरात्रों के दिनों में किसी भी प्रकार की तामसिक वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए। इन दिनों में शराब आदि नशे से भी दूर रहना चाहिए ।इसके शरीर पर ही नहीं, आपके भविष्य पर भी दुष्परिणाम होते है ।
नवरात्रों के दौरान सेहत के अनुसार ही व्रत रखें इन दिनों में फल आदि का सेवन ज्यादा करें रोजाना सुबह और शाम को मां दुर्गा का पाठ अवश्य करें ।
इन दिनों पूरा विश्व करोना नामक भयानक महामारी से ग्रस्त है। ऐसे में दुर्गा सप्तशती का यह मंत्र निरंतर जपने और हवन के साथ आहुति देने से चमत्कारी सिद्ध हो सकता है ।