जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों के साथ 24 जून को बैठक की तैयारियां, बुलावे की प्रकिया शुरू, महबूबा के पास पहुंचा फोन

पीएजीडी के प्रवक्ता और संयोजक माकपा नेता मोहम्मद यूसुफ तारीगामी ने केंद्र सरकार के साथ बैठक को लेकर जारी चर्चा संबंधी सवाल पर कहा कि दिल्ली से अभी तक कोई संकेत या संदेश नहीं आया है। अगर यह बैैठक होती है तो हम जरूर इसमें शामिल होंगे।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 07:43 AM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 11:08 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों के साथ 24 जून को बैठक की तैयारियां, बुलावे की प्रकिया शुरू, महबूबा के पास पहुंचा फोन
मोहम्मद यूसुफ तारीगामी ने कहा कि दिल्ली से अभी तक कोई संकेत या संदेश नहीं आया है।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाने और विधानसभा चुनाव के लिए माहौल तैयार करने के लिए केंद्र सरकार संभवता 24 जून को प्रदेश के मुख्यधारा के सभी राजनीतिक दलों के साथ बैठक कर सकती है।

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती समेत अन्य दलों के नेताओं को बैठक में भाग लेने के लिए बुलावे की प्रकिया भी शुरू कर दी गई है। पांच अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को पारित किए जाने के बाद केंद्र सरकार की जम्मू-कश्मीर के सभी दलों से एक साथ होने वाली यह पहली बैठक होगी। प्रस्तावित बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी भाग लेने की उम्मीद है। इसके अलावा बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह समेत कई अन्य केंद्रीय मंत्री भी मौजूद रहेंगे।

दिल्ली स्थित उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष डा. फारूक अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के चेयरमैन अल्ताफ बुखारी, पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन के अलावा प्रदेश कांग्रेस, भाजपा और जम्मू-कश्मीर में माकपा के नेताओं को प्रस्तावित बैठक के लिए निमंत्रण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।

उल्लेखनीय है कि नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डा. फारूक अब्दुल्ला ने बीते दिनों श्रीनगर में पत्रकारों से बातचीत में केंद्र सरकार के साथ बातचीत की संभावना का संकेत देते हुए कहा था कि उन्होंने सभी विकल्प खुले रखे हैं। अगर कश्मीर में हालात सामान्य बनाने के लिए केंद्र सरकार बातचीत के लिए बुलाएगी तो जरूर जाएंगे। इसके बाद पीपुल्स एलायंस फार गुपकार डिक्लेरेशेन (पीएजीडी) के सभी घटकों की पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के घर पर बैठक हुई थी। इसमें फारूक अब्दुल्ला भी मौजूद थे।

गौरतलब है कि नेकां, पीडीपी, पीपुल्स कांफ्रेंस, माकपा, पीपुल्स कांफ्रेंस और अवामी नेशनल काफ्रेंस सरीखे दल पहले ही दिन से जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम का विरोध करते आ रह हैं। यह दल जम्मू-कश्मीर में पांच अगस्त, 2019 से पहले की संवैधानिक स्थिति की बहाली और जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किए जाने की मांग करते हैं।

महबूबा बोलीं-वरिष्ठ नेताओं के साथ करूंगी विचार विमर्श : पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बैठक के लिए केंद्र सरकार से शुक्रवार देर रात मिले न्योते की पुष्टि करते हुए कहा कि एक फोन आया है। मैंने अभी बैठक में शामिल होने के मुद्दे पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है। मैं पहले इस विषय में अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से विचार विमर्श करूंगी। उसके बाद मैं अपने फैसले से सभी को अगवत करा दूूंगी।

बैठक का संदेश आएगा तो जरूर शामिल होंगे : पीएजीडी के प्रवक्ता और संयोजक माकपा नेता मोहम्मद यूसुफ तारीगामी ने केंद्र सरकार के साथ बैठक को लेकर जारी चर्चा संबंधी सवाल पर कहा कि दिल्ली से अभी तक कोई संकेत या संदेश नहीं आया है। अगर यह बैैठक होती है तो हम जरूर इसमें शामिल होंगे। यहां हालात सामान्य बनाने के लिए हम किसी भी बैठक और प्रक्रिया का स्वागत करते हैं। बातचीत जरूरी है।

हमारी समस्याओं का समाधान दिल्ली में ही होगा : जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के चेयरमैन अल्ताफ बुखारी ने कहा कि हम शुरू से ही बातचीत के पक्षधर हैं। कश्मीर को लेकर जब भी, जहां भी बैठक होगी, उससे हमारा ही पक्ष सही साबित होगा। हम मार्च, 2020 से लगातार कहते आ रहे हैं कि जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा प्रदान करने और जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र को पूरी तरह बहाल करने का एकमात्र जरिया सभी पक्षों से बातचीत ही है। मैं सभी को यही कहना चाहूंगा कि हमारी सभी समस्याओं का समाधान सिर्फ दिल्ली में ही होगा। दिल्ली के सिवाय हमें किसी और की तरफ देखने की जरूरत नहीं है।

विधानसभा का गठन करना चाहती है केंद्र सरकार : सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक प्रक्रिया को जल्द आगे बढ़ाते हुए विधानसभा का गठन करना चाहती है। इसलिए बीते साल जस्टिस (रिटायर्ड) रंजना देसाई की अध्यक्षता में गठित परिसीमन आयोग को जम्मू कश्मीर में परिसीमन की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी करने के लिए कहा गया है। यह आयोग चंद दिनों में जम्मू कश्मीर का भी दौरा करने वाला है। 

chat bot
आपका साथी