Jammu Kashmir : डेढ़ लाख की रिश्वत लेने के आरोप में पीडब्ल्यूडी के एसई, एईई व जेई गिरफ्तार

सीबीआइ ने नगदी व चेक को कब्जे में लेकर तीनों को हिरासत में ले लिया। कार्रवाई देर रात तक चली और औपचारिकताएं पूरी करने के बाद पुलिस को सूचित कर मध्यरात्रि के बाद तीनों आरोपितों को सीबीआइ की टीम अपने साथ जम्मू ले गई।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 12:43 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 12:43 PM (IST)
Jammu Kashmir : डेढ़ लाख की रिश्वत लेने के आरोप में पीडब्ल्यूडी के एसई, एईई व जेई गिरफ्तार
ठेकेदार ने बताया एसई एक काम की सेटलमेंट करने के लिए उससे तीन लाख रुपये की रिश्वत की मांग की।

ऊधमपुर, जागरण संवाददाता : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने वीरवार देर रात को ऊधमपुर में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पी़डब्ल्यूडी ऊधमपुर के सुपरिटेंडिंग इंजीनियर सहित तीन अधिकारियों को 1.1 लाख के चेक सहित डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोचा है। चेक से रिश्वत लेने का यह दुर्लभ मामला है। सीबीआई देर रात तीनों अधिकारियों को सीबीआई अपने साथ जम्मू ले गई है।

सीबीआई द्वारा रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किए गए इंजीनियरों की ,सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर पहचान हिलाल अहमद शेख, टेक्निकल आफिसर एईई टीके कौल व जूनियर इंजीनियर संजय कौल शामिल है। प्राप्त जानकारी के रियासी के रहने वाले एक ठेकेदार ने सीबीआइ से पीडब्ल्यूडी के एसई सहित अन्य अधिकारियों पर रिश्ववत मांगने का आरोप लगाया था। ठेकेदार ने सीबीआई को बताया एसई एक काम की सेटलमेंट करने के लिए उससे तीन लाख रुपये की रिश्वत की मांग की। बाद में मामला डेढ़ लाख रुपये में तय हुआ।

सूचना के आधार पर सीबीआइ ने रिश्वत मांगे वाले तीनों अधिकारियों को रंगे हाथों दबोचने के लिए अपना जाल बिछाया। शाम को जब तीनों अधिकारी ठेकेदार से रिश्वत ले रहे थे, तो सीबीआई की टीम ने अचानक छापा मार कर तीनों को रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोच लिया। ली गई 1.5 लाख की रिश्वत में 40 हजार की धनराशि नगद थी, जबकि 1.10 लाख रुपये का चेक था।

सीबीआइ ने नगदी व चेक को कब्जे में लेकर तीनों को हिरासत में ले लिया। कार्रवाई देर रात तक चली और औपचारिकताएं पूरी करने के बाद पुलिस को सूचित कर मध्यरात्रि के बाद तीनों आरोपितों को सीबीआइ की टीम अपने साथ जम्मू ले गई। आमतौर पर रिश्वत नगद रूप में ली जाती है, मगर चेक से रिश्वत लिए जाने का यह दुर्लभ मामला है। चेक किस बैंक का था और इस पर किसी का नाम लिखा या बेनामी था, यह अभी तक पता नहीं चल पाया है। 

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