Roshni Land Scam: भ्रष्ट JDA अफसरों की भूमाफिया से सांठगांठ की जांच CBI करेगी
जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट ने 24 अप्रैल वर्ष 2014 में जम्मू सांबा ऊधमंपुर श्रीनगर बडग़ाम और पुलवामा के उपायुक्त (डीसी) को रोशनी घोटाले से संबंधित मामलों का रिकॉर्ड विजिलेंस डायरेक्टर को सौंपने के बाद मामले की अनुपालन रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के भी निर्देश दिए थे।
जम्मू, जागरण संवाददाता: जम्मू कश्मीर में 25 हजार करोड़ के रोशनी जमीन घोटाले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने चार प्रारंभिक मामलों की जांच शुरू कर दी है। जम्मू विकास प्राधिकरण (JDA) के कुछ अधिकारियों पर राजनेताओं और भू-माफियाओं से सांठगांठ करने के अलावा हाईकोर्ट के निर्देशों की अवहेलना का आरोप है। अधिकारियों से पूछताछ की जा रही है।
सीबीआइ सूत्रों के मुताबिक पहली दर्ज जांच में जम्मू से सटे गोल गुजराल का 784 कनाल और 17 मरले भूमि पर अवैध भूमि आंवटन में जेडीए अधिकारियों की संलिप्तता पाई है। जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद ये अधिकारी कब्जाई भूमि के मामले की जांच में सीबीआइ से सहयोग नहीं कर रहे थे। यह जमीन जेडीए ने स्थानांतरित की।
दूसरी बड़ी जांच जाने माने व्यापारी बंसी लाल गुप्ता के खिलाफ की है। बंसी लाल ने जेडीए अधिकारियों के साथ मिल 154 कनाल भूमि को व्यवसायिक तौर पर विकसित किया। यह जमीन रोशनी के तहत कब्जाई है। जम्मू के डिवीजनल कमिश्नर ने अगस्त में मामले के हल के लिए कमेटी बनाने की बात कही थी। सीबीआइ ने जेडीए के उन अधिकारियों पर जांच बिठाई है जिन्होंने कोर्ट के निर्देश का अनुपालन नहीं किया। कोर्ट ने 66436 कनाल सरकारी भूमि की हदबंदी करने को कहा था। इसमें भी जेडीए अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई है।
कोर्ट ने 12 नवंबर 2014 में राजस्व विभाग और जेडीए से संबंधित मामले की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा था। छह साल बीतने के बाद भी आदेश का अनुपालन नहीं हो पाया। प्रारंभिक जांच में सीबीआइ यह तय करने में जुट गई है कि प्रथम दृष्टया में जो आरोप हैं उसमें दायर मामलों में किस प्रकार आपराधिक मामले बनते हैं? घोटालेमें फंसे सियासतदानों, नौकरशाहों और भूमाफियाओं पर कौन-कौन से आपराधिक मामले दर्ज होंगे यह तय किया जा रहा। सीबीआइ के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि अगर मामले गंभीर होंगे तो मामले की जांच करने के बाद एफआइआर दर्ज करेगी। फिलहाल अधिकारियों से पूछताछ की जा रही है।
अनुपालन रिपोर्ट नहीं की पेश: जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने 24 अप्रैल वर्ष 2014 में जम्मू, सांबा, ऊधमंपुर, श्रीनगर, बडग़ाम और पुलवामा के उपायुक्त (डीसी) को रोशनी घोटाले से संबंधित मामलों का रिकॉर्ड विजिलेंस डायरेक्टर को सौंपने के बाद मामले की अनुपालन रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के भी निर्देश दिए थे। उस समय जांच विजिलेंस कर रही थी।
अब विजिलेंस को एंटी करप्शन ब्यूरो बना दिया है। हाईकोर्ट के बार बार निर्देश पर संबंधित अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नही की। कोर्ट के निर्देश की मानें तो राजस्व और जम्मू विकास प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अवेहलना के तहत इन पर तथ्यों को छुपाने, जांच में बाधा डाल कर सच्चाई उजागर न होने देने पर जांच की जा रही है।
कोर्ट के भी हैं निर्देश: रोशनी की जांच सीबीआइ को सौंपने से पहले यह व्यवस्था रखी कि जो अधिकारी मामले की जांच में सहयोग नहीं करेगा उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाए। कोर्ट ने कहा था कि जिन अधिकारियों पर सरकारी जमीन के रखरखाव का जिम्मा है और अगर यह ही इसे खुर्दबुर्द करने में सहयोग करते हैं तो उनके खिलाफ जांच की जाए।
जंगल की जमीन पर कब्जे की एक और सूची जारी : रोशनी घोटाले के अलावा जंगल और राजस्व भूमि पर अवैध कब्जा करने वाले करीब 500 लोगों की एक और सूची डिवीजनल कमिश्नर कार्यालय से जारी हुई है। सूची में रिटायर्ड चीफ इंजीनियर जीएम भट का नाम भी है। भट ने सुंजवां में जंगलात की तीन कनाल भूमि पर कब्जा किया था, लेकिन वन विभाग ने इस जमीन को अपने कब्जे में ले लिया है। इसके अलावा नंबरदार एवं व्यापारी जमात अली, अनायत अली और सलीम का आठ कनाल और चार मरले जंगलात की जमीन पर सुंजवां में कब्जा है।