नियमों से खिलवाड़ करने वाले अधिकारियों को कैट की फटकार

सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेशन ट्रिब्यूनल (कैट) ने सरकारी नियमों से खिलवाड़ करने वाले सरकारी अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 08:07 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 08:07 PM (IST)
नियमों से खिलवाड़ करने वाले अधिकारियों को कैट की फटकार
नियमों से खिलवाड़ करने वाले अधिकारियों को कैट की फटकार

जेएनएफ, जम्मू : सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेशन ट्रिब्यूनल (कैट) ने सरकारी नियमों से खिलवाड़ करने वाले सरकारी अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई। कैट ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में कई ऐसे मामले आए हैं, जिनमें आला अधिकारियों ने अपने चहेतों को लाभ देने के लिए नियमों को तोड़ा-मरोड़ा है। जब एक सामान्य कर्मचारी की बात आती है तो ऐसे अधिकारी नियमों का पाठ पढ़ाते हैं। कैट ने जोगेंद्र लाल भगत की ओर से दायर केस में सुनवाई के दौरान यह कड़ी टिप्पणी की।

भगत ने अपनी याचिका में कहा कि वह 1976 से 1984 तक रावी तवी कमांड एरिया फार्मर्स सर्विस कोआपरेटिव सोसायटी लिमिटेड में एकाउंटेंट के पद पर रहा। वर्ष 1984 में उसका केएएस के लिए चयन हो गया। उसने 31 मार्च, 2010 को सेवानिवृत्त होना था। इससे पूर्व उसने सरकार से आग्रह किया कि सेवानिवृत्ति लाभ देते समय उसकी सोसायटी में की गई नौकरी की अवधि को भी शामिल किया जाए, लेकिन सरकार ने उसकी अर्जी खारिज कर दी। भगत ने कुलदीप राज शर्मा, रामपाल गुप्ता व दो अन्य कर्मचारियों के केस का हवाला देते हुए कहा कि इन कर्मचारियों को ऐसा लाभ दिया गया, लेकिन उसके साथ भेदभाव किया गया। कैट ने सभी मामलों पर गौर करने के बाद पाया कि ये सभी कर्मचारी एक ही श्रेणी में आते हैं, लेकिन चुनिंदा व्यक्ति को लाभ दिया गया। यह वास्तव में भेदभाव है। कैट ने कहा कि जब कभी भी कोई कर्मचारी किसी उच्च पद के लिए चयनित होता है तो कुछ शर्तों के साथ उसकी पूर्व सेवाओं को सर्विस रिकार्ड में शामिल किया जाता है। इसमें सरकारी विभाग, पीएसयू, कर्मचारी का पद व वेतन मायने रखता है। भगत के मामले में वह एक ऐसी संस्था में काम करता था जहां पेंशन नहीं थी और नौकरी छोड़ते समय उसने सभी लाभ भी ले लिए। ऐसे में उसकी सेवाओं को आगे सर्विस रिकार्ड में शामिल नहीं किया जा सकता था। इसमें अधिकारियों ने उचित फैसला लिया, लेकिन ऐसे ही दूसरे केस में अधिकारियों ने नियमों को अनदेखा कर कर्मचारियों को ये लाभ कैसे दे दिए?

कैट ने सारी दलीलों को सुनने के बाद जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि वह या तो ऐसे सभी कर्मचारियों को दिए गए लाभ वापस ले या फिर एक जैसा मानदंड अपनाते हुए सबको लाभ दें। कैट ने तीन महीने के भीतर यह प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश भी दिया।

chat bot
आपका साथी