जम्मू में कम हुए UK वेरिंएट के मामले, बी.1.617 के मामलों ने रफ्तार पकड़ी, आने वाले दो सप्ताह चुनौतीपूर्ण

यूके वेरिंएट से परेशान जम्मू के लोगों को फिलहाल इससे थोड़ी राहत मिलती नजर आ रही है लेकिन बी 1.617 (इंडियन डबल म्यूटेशन) तेजी के साथ फैल रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस वेरिएंट से बचने की जरूरत है। यह संक्रमण को तेजी के साथ फैला रहा है।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 06:36 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 06:36 PM (IST)
जम्मू में कम हुए UK वेरिंएट के मामले, बी.1.617 के मामलों ने रफ्तार पकड़ी, आने वाले दो सप्ताह चुनौतीपूर्ण
1.617 (इंडियन डबल म्यूटेशन) तेजी के साथ फैल रहा है। यही नहीं वायरस लगातार अपना स्वरूप बदल रहा है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो । यूके वेरिंएट से परेशान जम्मू के लोगों को फिलहाल इससे थोड़ी राहत मिलती नजर आ रही है लेकिन बी 1.617 (इंडियन डबल म्यूटेशन) तेजी के साथ फैल रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस वेरिएंट से बचने की जरूरत है। यह इस समय संक्रमण को तेजी के साथ फैला रहा है। यही नहीं वायरस लगातार अपना स्वरूप बदल रहा है।

राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र को भेजे गए सैंपलों की जिनोम सिक्वेंसिंग की नई रिपोर्ट में यह सामने आया है कि यूके वेरिएंट के मामलों में कमी हैं लेकिन दूसरा वेरिंएट बी.1.176 तेजी से फैल रहा है। हालांकि रिपोर्ट में यह साफ है कि दिल्ली, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड की तुलना में जम्मू में अभी मामले कम है लेकिन एक महीने में सात गुणा मामले बढ़े हैं। रिपोर्ट के अनुसार, मार्च महीने में कुल सैंपलों के 5.8 फीसद में ही बी.1.617 वेरिएंट की पुष्टि हुई थी लेकिन अप्रैल महीने में भेजे गए 158 सैंपलों में से 38 फीसद में बी.1.617 वेरिएंट की पुष्टि हुई है।

सबसे अधिक मध्य प्रदेश में 80 फीसद, दिल्ली में 70 फीसद और उत्तराखंड में 55 फीसद सैंपलों में इस वेरिएंट की पुष्टि हुई है। रिपोर्ट में यह भी खुलाया हुआ है कि यूके वेरिएट के मामले अभी भी अधििक है लेकिन इनमें अब गिरावट दर्ज हो रही है। मार्च महीने के सैंपलों में जहां 60 फीसद सैंपलों में यूके वेरिंएट की पुष्टि हुई थी। वहीं अप्रैल महीने के सैंपलों में इसमें 13 फीसद की कमी दर्ज की गई है। अब 47 फीसद सैंपलों में यूके वेरिएंट की पुष्टि हुई। जीएमसी जम्मू की प्रिंसिपल डा. शशि सूदन का कहना है कि कुल 434 सैंपल भेजे गए थे। उनमें से 64 की रिपोर्ट आना शेष है।

राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के सुझाव

राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र ने इस वेरिएंट के बढ़ने के बाद यह सुझाव दिए हैं कि टेस्टिंग बढ़ाने के तैयारी करें। यही नहीं जरूरी दवाइयां, अस्पतालों में बिस्तर, आक्सीजन की सुविधा वाले बिस्तर, एम्बुलेंस और कर्मचारियों की संख्या को भी बढ़ाया जाए। अस्पतालों में गंभीर रूप से बीमार होकर आने वाले मरीजों के लिए भी बिस्तरों की संख्या को बढ़ाया जाए। कोविड 19 के नियंत्रण के लिए एसओपी का सख्ती के साथ पालन करें।

आने वाले दो सप्ताह चुनौतीपूर्ण

राजकीय मेडिकल कॉलेज जम्मू के माइक्रोबायालोजी विभाग में कंसल्टेंट डा. संदीप डोगरा का कहना है कि आने वाले दो सप्ताह बहुत ही चुनौतीपूर्ण है। बी. 1.617 वेरिंएट तेजी के साथ फैलता है। यह जम्मू में यूके वेरिंएट की जगह ले रहा है। अभी तक तो शोध हुआ है, यह खतरनाक है और संक्रमण को तेजी के साथ फैला रहा है। चिंता का विषय यह है कि जम्मू के साथ लगते जिलों ऊधमपुर और सांबा में भी मामले बढ़ रहे हैं। हम लापरवाही नहीं कर सकते। वायरस जितना अपना स्वरूप बदलेगा, उतना खतरनाक होने की आशंका रहती है। वायरस अपने अस्तित्व के लिए लड़ रहा है और इसमें लगातार म्यूटेशन हो रही है। यह हमें समझना होगा। हमें पहले से अधिक सतर्क होने की जरूरत है।

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